उदाहरण देते हुए संक्रमण धातुओं के रसायन के निम्नलिखित अभिलक्षणों के कारण बताइए- (अ) संक्रमण धातु का निम्नतम ऑक्साइड क्षारकीय हैं, जबकि उच्चतम ऑक्साइड उभयधर्मी या अम्लीय है। (ब) संक्रमण धातु की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था ऑक्साइडों तथा फ्लुओराइडों में प्रदर्शित होती है। (स) धातु के ऑक्सो ऋणायनों में उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होती है।
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स्वप्रयत्न
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निम्नलिखित को कारण सहित समझाइए$-$
$(अ) \ Fe^{+3}$ की प्रबल अनुचुम्बकीय प्रकृति
$(ब) \ Ce^{+4}$ का प्रबल ऑक्सीकारक व्यवहार
$(स)$ संक्रमण तत्वों की उच्च कणन एंथेल्पी
$(द)$ संक्रमण धातु अंतराकाशी यौगिक बनाते है।
आप निम्नलिखित को किस प्रकार से स्पष्ट करेंगे$-$
$(अ) \ d^4$ स्पीशीज में से $Cr^{2+}$ प्रबल अपचायक है, जबकि मैंगनीज $(III)$ प्रबल ऑक्सीकारक है।
$(ब)$ जलीय विलयन में $Co \ (II)$ स्थायी है, परन्तु संकुलनकारी अभिकर्मकों की उपस्थिति में यह सरलतापूर्वक ऑक्सीकृत हो जाती है।
$(स) $आयनों का $d^1$ विन्यास अत्यन्त अस्थायी है।
निम्नलिखित को कारण सहित समझाइये- (अ) संक्रमण तत्व उत्प्रेरकीय गुण प्रदर्शित करते है। (ब) संक्रमण धातु रंगीन आयनों का निर्माण करते है। (स) संक्रमण धातु संकुल यौगिक बनाते है। (द) संक्रमण तत्व परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है।
ऐक्टिनॉयडों के सामान्य अभिलक्षणों की व्याख्या निम्नलिखित पदों में कीजिए- (1) भौतिक गुण (II) रासायनिक अभिक्रियाशीलता (III) चुम्बकीय गुण (iv) आयनन एन्थैल्पी।