उद्योग- उद्योग का सम्बन्ध उन समस्त आर्थिक गतिविधियों से है जो कि वस्तुओं के उत्पादन, खनिजों के निष्कर्षण अथवा सेवाओं की व्यवस्था से सम्बन्धित हैं।
उद्योगों का वर्गीकरण-
उद्योगों का वर्गीकरण कच्चा माल, आकार तथा स्वामित्व के आधार पर किया जा सकता है जिसका विस्तृत विवरण निम्न प्रकार है-
(क) कच्चे माल के उपयोग के आधार पर उद्योग- कच्चे माल के उपयोग के आधार पर उद्योगों को निम्न चार भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(1) कृषि आधारित उद्योग- ये वे उद्योग हैं जो कच्चे माल के रूप में वनस्पति और जन्तु आधारित उत्पादों का उपयोग करते हैं, जैसे-डेयरी उद्योग एवं सूती वस्त्र उद्योग।
(2) खनिज आधारित उद्योग- ये वे उद्योग हैं जो खनिज अयस्कों का उपयोग कच्चे माल के रूप में करते हैं, जैसे- लौह-इस्पात उद्योग।
(3) समुद्र आधारित उद्योग- इन उद्योगों में सागरों और महासागरों से प्राप्त उत्पादों का उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जाता है, जैसे- मत्स्य तेल उद्योग।
(4) वन आधारित उद्योग- ये वनों से प्राप्त उत्पाद का उपयोग कच्चे माल के रूप में करते हैं, जैसे-लुगदी एवं कागज उद्योग।
(ख) आकार के आधार पर उद्योग- उद्योग के आकार का तात्पर्य निवेश की गई पूँजी की राशि, नियोजित लोगों की संख्या और उत्पादन की मात्रा से है। आकार के आधार पर उद्योगों को दो भागों में बाँटा गया है-
(1) लघु आकार के उद्योग- ये वे उद्योग हैं जिनमें कम पूँजी की आवश्यकता होती है तथा प्रौद्योगिकी का भी कम उपयोग किया जाता है। इन उद्योगों से कम मात्रा में उत्पादन किया जाता है।
(2) बृहत् आकार के उद्योग- बृहत् आकार के उद्योग में अधिक पूँजी एवं उच्चस्तरीय तकनीकों का उपयोग किया जाता है तथा बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता है।
(ग) स्वामित्व के आधार पर उद्योग- स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को निम्न चार भागों में विभाजित किया जाता है-
(1) निजी क्षेत्र के उद्योग- निजी क्षेत्र के उद्योग वे हैं जिनका स्वामित्व और संचालन या तो एक व्यक्ति द्वारा या व्यक्तियों के समूह द्वारा किया जाता है।
(2) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग- ये वे उद्योग हैं जिनका स्वामित्व एवं संचालन सरकार के द्वारा किया जाता है।
(3) संयुक्त क्षेत्र के उद्योग- संयुक्त क्षेत्र के उद्योगों का संचालन एवं स्वामित्व राज्यों और व्यक्तियों अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा होता है, जैसे- मारुति उद्योग लिमिटेड।
(4) सहकारी क्षेत्र के उद्योग- इन उद्योगों का स्वामित्व और संचालन कच्चे माल के उत्पादकों या पूर्तिकारों, कामगारों अथवा दोनों द्वारा होता है, जैसे-आनन्द मिल्क यूनियन लिमिटेड।