ऊर्जा संसाधन-ऐसा संसाधन जिनका उपयोग ऊर्जा . उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं। उदाहरण—कोयला, पेट्रोलियम, हवा, जल, सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा इत्यादि। ऊर्जा संसाधनों को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है -
1. परंपरागत ऊर्जा संसाधन
2. गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन
ऊर्जा के परंपरागत संसाधन -
1. कोयला: कोयला चार प्रकार का होता है; एंथ्रेसाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट एवं पीट। एंथ्रेसाइट कोयला उत्तम किस्म का होता है। राजस्थान में लिग्नाइट कोयला पाया जाता है, यहाँ पलाना, बीकानेर, बाड़मेर व जैसलमेर क्षेत्र में कोयला मिलता है। बाड़मेर में गिरल क्षेत्र में लिग्नाइट आधारित ताप विद्युत संयंत्र स्थापित है।
2. खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस: ईंधन हेतु भूमि के भीतर छिपे खनिज के प्राकृतिक भण्डारों से निकाले गए तेल को खनिज तेल कहा जाता है। यह राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, नागौर क्षेत्र में पाया जाता है। जबकि घोटारु, कमलीताल, तनोट, मनिहारी टिब्बा, रामगढ़, राजेश्वरी, डंडेवाला आदि में प्राकृतिक गैस के भण्डार मिलते हैं, यह प्राकृतिक गैस कई गैसों का मिश्रण है तथा ईंधन का प्रमुख स्रोत है। जैसलमेर, बारां, व धौलपुर में प्राकृतिक गैस आधारित विद्युत गृह. स्थापित हैं।
3. जल विद्युत-जल विद्युत का ऊर्जा संसाधन में प्रमुख स्थान है। राजस्थान में विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत विद्युत उत्पादन एवं प्राप्त किया जा रहा है, जैसे-गाँधीसागर, राणाप्रताप सागर, माही बजाज सागर, भाखड़ा नांगल व व्यास परियोजना प्रमुख हैं।
ऊर्जा के गैर परपरागत संसाधन -
1. परमाणु ऊर्जा: वह ऊर्जा जिसे नियंत्रित नाभिकीय अभिक्रिया से उत्पन्न किया जाता है तथा फिर बिजली उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र देश का दूसरा परमाणु विद्युत संयंत्र है। यह पहला बेहद अत्याधुनिक तकनीक एवं प्रौद्योगिकी से बनाया गया दाबित भारी जल संयंत्र है।
2. पवन ऊर्जा: बहती वायु से उत्पन्न की गई ऊर्जा को पवन ऊर्जा कहते हैं। यह एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। राजस्थान के भौतिक स्वरूप एवं जलवायु, पवन ऊर्जा के | लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं। वर्तमान में जैसलमेर, प्रतापगढ़, जोधपुर, बाड़मेर जिलों में पवन आधारित विद्युत गृह स्थापित हैं।
3. बायोमास: बायोमास ऊर्जा के स्रोत हैं। इन्हें सीधे जलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है या इनको विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन में परिवर्तित करने के बाद इस्तेमाल किया जा | सकता है। बायोमास के उदाहरण हैं-गन्ने को खोई, धान | की भूसी, अनुपयोगी लकड़ी व गोबर आदि। राजस्थान में उदयपुर, जयपुर सहित अनेक जिलों में बायोगैस संयंत्र | स्थापित किये गये हैं। बायोगैस संयंत्र हेतु राजस्थान सरकार अनुदान भी देती है।
4. सौर ऊर्जा: सूर्य से जो ऊर्जा प्राप्त होती है उसे विद्युत | ऊर्जा में बदलना ही सौर ऊर्जा कहा जाता है। सामान्य रूप से सौर ऊर्जा को सूर्य से प्राप्त किरणों को परिवर्तित करके | बनाया जाता है। सौर ऊर्जा को सौर शक्ति के नाम से भी जाना जाता है।
राजस्थान एक गर्म प्रदेश है अतः यहाँ सौर ऊर्जा का अधिकतम | उपयोग सम्भव है। जोधपुर के भाडला में देश के सबसे बड़े सोलर पार्क की स्थापना की गई है।