वैश्वीकरण के तहत भारतीय कृषि विश्व के विकसित देशों से स्पर्धा करने में असमर्थ है क्योंकि विकसित देशों में कृषि को अत्यधिक सहायिकी अर्थात् सब्सिडी दी जाती है। यही कारण है कि विश्व बाजार में ये देश अपने कृषि उत्पादों को कम मूल्य पर बेचते हैं। दूसरे, छोटे और सीमान्त किसानों की स्थिति और बिगड़ गई है।