विधुत द्विध्रुव आघूर्ण को परिभाषित. कीजिए। विधुत द्विध्रुव से उत्पन्न वैधुत विभव के मान की गणना कीजिए और सिद्ध कीजिए कि अक्ष पर स्थित बिन्दु पर इसका मान अधिकतम तथा निरक्ष बिन्दु पर शून्य होता है?### विधुत द्विध्रुव आघूर्ण को परिभाषित कीजिए। विधुत द्विध्रुव केकारण किसी सामान्य बिन्दु पर विधुत विभव के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए। आवश्यक चित्र भी बनाइए।
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Similar Questions

  • 1
    परावैधुत पदार्थ से पूर्णतया तथा आंशिक रूप से उपस्थिति में एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए सूत्र की स्थापना कीजिए।
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  • 2
    विधुत धरिता की परिभाषा लिखिए। एक समान्तर पट्ट संधारित्र को प्लेटो के बाच K परावैधुतांक का माध्यम भरा हुआ है।इसकी धारिता का व्यंजक ज्ञात कीजिए। आवश्यक चित्र बनाइए।### किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र जिसकी पट्टिकाओं के बीच पृथकन d तथा पट्टिकाओ का क्षेत्रफल A है, की पट्टिकाओं के बीच परावैधुतांक 'K' और मोटाई 't' का कोई गुटका रखा गया है। इस संधारित्र की धारिता के लिए के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
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  • 3
    संधारित्रों के श्रेणी संयोजन में तुल्यधारिता के लिये संबंध प्राप्त कीजिये। परिपथ चित्र बनाइये।
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  • 4
    विद्युत धारिता की परि भाषा लिखिए। एक समान्तर पट्ट संधारित्र को प्लेटों के बीच परावैद्युतांक का माध्यम भरा हुआ है। इसकी धारिता का व्यंजक प्राप्त कीजिए। आवष्यक चित्र बनाइए।
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  • 5
    सिद्ध कीजिए कि किसी संधारित्र में संचित ऊर्ज का मान $\frac{1}{2} \frac{Q^2}{C}$ होता है और विधुत क्षेत्र का ऊर्जा घनत $u =\frac{1}{2} \epsilon_0 E ^2$ होता है।
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  • 6
    विधुत विभवान्तर को परिभाषित कीजिए और सिद्ध कीजिए कि वैधुत क्षेत्र के अन्दर किसी बिन्दु पर वैधुत विभव किसी परीक्षण धनावेश को अनन्त से उस बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य $W$ तथा परीक्षण आवेश $q_0$ के मान के अनुपात के बराबर होता है।
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  • 7
    संधारित्र की धारिता को परिभाषित कीजिए। समान्तर पट्टिका संधारित्र की धारिता के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए और बताइए कि धारिता किन-किन बातों पर निर्भर करती है?
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  • 8
    संधारित्र को परिभाषित कीजिए। परिपथ चित्र बनाकर संधारित्रों के श्रेणी एवम समांतर संयोजन में तुल्य धारिता का संबंध प्राप्त कीजिए।
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  • 9
    संधारित्र किसे कहते हैं? इसके सिद्धान्त के समझाइए। संधारित्रों के समान्तर क्रम तथा श्रेणीक्रम में संयोजन के लिए सूत्र ज्ञात कीजिए।### संधारित्र को परिभाषित कीजिए। इसके श्रेणीक्रम एवं समान्तर क्रम संयोजन में परिणामी धारिता का सूत्र स्थापित कीजिए। आवश्यक परिपथ चित्र भी बनाइए।### संधारित्र को परिभाषित कीजिए। इसकी धारिता को हम किस प्रकार से बढ़ा सकते हैं? संधारित्रों के समान्तर क्रम तथा श्रेणीक्रम में संयोजन के लिए सूत्र की स्थापना कीजिए।
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  • 10
    उभयनिष्ठ विभव को परिभाषित कीजिए। संधारित्रं को परस्पर जोड़ने पर आवेशों का पुनर्वितरण तथा ऊर्जा हानि के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।
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