विश्व बाजार के लाभ-विश्व बाजार ने व्यापार और उद्योग को तीव्रगति से बढ़ाया। आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था के उदय में सहायता की। औपनिवेशिक देशों में यातायात के साधनों, खनन, बागवानी जैसे संरचनात्मक क्षेत्र का विकास हुआ। कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया। नवीन तकनीकों को सृजित किया। शहरीकरण के विस्तार में सहायता की।
विश्व बाजार की हानि – इससे औपनिवेशिक देशों का शोषण और तीव्र हो गया। लघु तथा कुटीर उद्योग नष्ट होने लगे।