(i) आयरन (II) आयन तथा (ii) टिन (II) आयन पर अम्लीकृत डाइक्रोमेट $( Cr _2 O _7{ }^{2-})$विलयन की ऑक्सीकारक क्रिया दर्शाने के लिए सन्तुलित आयनिक समीकरण लिखिए।
कारण बताइए-
$(i)$ निर्जल कॉपर सल्फेट सफेद है, परन्तु हाइड्रेटेड कॉपर सल्फेट नीला है।
$(ii) \ Zn^{2+}$ आयनों के लवण सफेद, परन्तु $Cu^{2+}$ के नीले होते हैं।
क्या होता है जब - (i) अम्लीकृत पोटैशियम परमँगनेट आयन विलयन में एक ऑक्सेलेट आयन से अभिक्रिया करता है ? (ii) एक आयोडाइड आयन का विलयन अम्लीकृत डाइक्रोमेटआयन से अभिक्रिया करता है ?
आप निम्नलिखित को किस प्रकार से स्पष्ट करेंगे$-$
$(अ) \ d^4$ स्पीशीज में से $Cr^{2+}$ प्रबल अपचायक है, जबकि मैंगनीज $(III)$ प्रबल ऑक्सीकारक है।
$(ब)$ जलीय विलयन में $Co \ (II)$ स्थायी है, परन्तु संकुलनकारी अभिकर्मकों की उपस्थिति में यह सरलतापूर्वक ऑक्सीकृत हो जाती है।
$(स) $आयनों का $d^1$ विन्यास अत्यन्त अस्थायी है।
निम्नलिखित को कारण सहित समझाइये- (अ) संक्रमण तत्व उत्प्रेरकीय गुण प्रदर्शित करते है। (ब) संक्रमण धातु रंगीन आयनों का निर्माण करते है। (स) संक्रमण धातु संकुल यौगिक बनाते है। (द) संक्रमण तत्व परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है।
निम्नलिखित को कारण सहित समझाइए$-$
$(अ) \ Fe^{+3}$ की प्रबल अनुचुम्बकीय प्रकृति
$(ब) \ Ce^{+4}$ का प्रबल ऑक्सीकारक व्यवहार
$(स)$ संक्रमण तत्वों की उच्च कणन एंथेल्पी
$(द)$ संक्रमण धातु अंतराकाशी यौगिक बनाते है।
उदाहरण देते हुए संक्रमण धातुओं के रसायन के निम्नलिखित अभिलक्षणों के कारण बताइए- (अ) संक्रमण धातु का निम्नतम ऑक्साइड क्षारकीय हैं, जबकि उच्चतम ऑक्साइड उभयधर्मी या अम्लीय है। (ब) संक्रमण धातु की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था ऑक्साइडों तथा फ्लुओराइडों में प्रदर्शित होती है। (स) धातु के ऑक्सो ऋणायनों में उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होती है।
$(अ) \ Cu^{2+}$ आयन के लिए 'प्रचक्रण मात्र' चुम्बकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
$(ब)$ कारण दीजिए कि $Zn, Cd, Hg$ व $Cn$ संक्रमण तत्व नहीं है।
$(स) $ मिश्र धातु पीतल के अवयवों के नाम लिखिए।
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*