${ }_3^7 Li$ तथा ${ }_2^4 He$ की प्रति न्यूक्लिऑन बन्धन ऊर्जा, क्रमशः $5.6 MeV$ तथा $7.06 MeV$ है तो, निम्नांकित नाभिकीय अभिक्रिया ${ }_3^7 Li +{ }_1^1 H \rightarrow{ }_2^4 He + Q$ में मुक्त ऊर्जा $Q$ का मान होगा
[2014]
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${ }_3^7 Li +{ }_1^1 H \longrightarrow{ }_2 He ^4+{ }_2 He ^4+ Q$
${ }_1^1 H$ के लिए बन्धन उर्जा लगभग शून्य है तथा प्रश्न में भी नहीं दी गयी है, अतः हम इसे नगण्य मान सकते हैं।
$ BE _2 He ^4 =(4 \times 7.06)=28.24 MeV$
$BE _3^7 Li =7 \times 5.60=39.20 MeV$
$\text { अत: } Q =2(4 \times 7.06)-7 \times(5.60)$
$=(8 \times 7.06)-(7 \times 7.60)$
$=(56.48-39.2) MeV$
$=17.28 MeV \simeq 17.3 MeV $
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$M _{ p }$ तथा $M _{ n }$ प्रोटॉन तथा न्यूटौन द्रव्यमान दर्शाते हैं, एक नाभिक जिसमें न्यूट्रॉन संख्या $N$, प्रोटॉन संख्या $Z$ तथा बंधन ऊर्जा $B$ है तो नाभिक $M ( N , Z )$ का द्रव्यमान होगा
दो रेडियोएक्टिव पदार्थ $A$ तथा $B$ की अर्द्ध-आयु $20$ मिनट तथा $40$ मिनट है। प्रारम्भ में $A$ तथा $B$ में समान मात्रा में नाभिक है। $80$ मिनट के बाद $A$ तथा $B$ में बचे हुए नाभिकों की तुलना करें
एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ से उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या उसके द्वारा उत्सर्जित ऐल्फा कणों की संख्या से दोगुनी है। प्राप्त हुआ पुत्री पदार्थ मूल पदार्थ का:-
एक रेडियोएक्टिव समस्थानिक $X$ की अर्द्ध-आयु $1.4 \times 10^9$ वर्ष है। यह क्षयित होकर $Y$ में रूपान्तरित हो जाता है जो स्थायी है। किसी गुफा की एक चट्टान में $X$ तथा $Y$ का अनुपात $1: 7$ पाया गया तो, इस चट्टान की आयु होगी