आदिवासियों के बहुत सारे जनजातीय धर्म होते हैं। उनके धर्म इस्लाम, हिन्दू, ईसाई आदि धर्मों से बिल्कुल अलग हैं। वे प्रायः अपने पुरखों की, गाँव और प्रकृति की उपासना करते हैं।
प्रकृति से जुड़ी आत्माओं में पर्वत, नदी, पशु आदि की आत्माएँ हैं। ये विभिन्न स्थानों से जुड़ी होती हैं और इनका वहीं निवास माना जाता है। ग्राम आत्माओं की अक्सर गाँव की सीमा के भीतर निर्धारित पवित्र लता- कुंजों में पूजा की जाती है जबकि पुरखों की उपासना घर में ही की जाती है।