आजादी के समय भारतीय कृषि मौनसून (वर्षा) पर निर्भर थी। कृषि पर उस समय 90% जनता निर्भर थी। सिंचाई की व्यवस्था विकसित नहीं थी। वर्षा नहीं होने से किसानों को तो अकाल का सामना करना ही पड़ता था, कृषकों पर निर्भर अन्य पेशा के लोग जैसे नाई, बढई, लोहार एवं कारीगर वर्ग भी संकट में आ जाते थे।