संविधान सभा में भाषा के मुद्दे पर लम्बी बहस हुई। अधिकांश लोग अंग्रेजी की जगह हिन्दी को अपनाना चाहते थे। लेकिन गैर हिन्दी भाषियों ने इसका विरोध किया। टी. टी. कृष्णमाचारी ने दक्षिण के लोगों की ओर से चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन पर हिन्दी थोपी गई तो बहुत सारे लोग भारत से अलग हो जाएंगे।