आप किसी धातु के गोले को स्पर्श किए बिना कैसे धनावेशित कर सकते हैं?
उदाहरण - 1.1
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किसी यादृच्छिक स्थिर वैद्युत क्षेत्र विन्यास पर विचार कीजिए। इस विन्यास की किसी शून्य विक्षेप स्तिथि (E = 0) पर कोई छोटा परीक्षण आवेश रखा गया है। यह दर्शाइये कि परीक्षण आवेश का सन्तुलन आवश्यक रूप से अस्थायी है।
इस परिणाम का समान परिमाण तथा चिह्नों के दो आवेशों (जो एकदूसरे से किसी दूरी पर रखे हैं) के सरल विन्यास के लिए सत्यापन कीजिए।
जब काँच की छड़ को रेशम के टुकड़े से रगड़ते हैं तो दोनों पर आवेश आ जाता है। इसी प्रकार की परिघटना का वस्तुओं के अन्य युग्मों में भी प्रेक्षण किया जाता है। स्पष्ट कीजिए कि यह प्रेक्षण आवेश संरक्षण के नियम से किस प्रकार सामंजस्य रखता है।
किसी खोखले आवेशित चालक में उसके पृष्ठ पर कोई छिद्र बनाया गया है। यह दर्शाइये कि छिद्र में वैद्युत क्षेत्र $\left(\frac{\sigma}{2 \varepsilon_{0}}\right) \hat{n}$ है, जहाँ $\hat{n}$ अभिलम्बवत् दिशा में बहिर्मुखी एकांक सदिश है तथा $\sigma$ छिद्र के निकट पृष्ठीय आवेश घनत्व है।
अब ऐसा विश्वास किया जाता है, कि स्वयं प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन (जो सामान्य द्रव्य के नाभिकों का निर्माण करते हैं) और अधिक भूल इकाइयों जिन्हें क्वार्क कहते हैं के बने हैं। प्रत्येक प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन तीन क्वार्कों से मिलकर बनता है। दो प्रकार के क्वार्क होते हैं। अप क्वार्क (u) जिन पर $+\frac{2}{3} e$ आवेश तथा एक डाउन क्वार्क (d) जिस पर $-\frac{1}{3} e$ आवेश होता है। इलेक्ट्रॉन से मिलकर सामान्य द्रव्य बनाते हैं। (कुछ अन्य प्रकार के भी क्वार्क पाये जाते हैं। जो भिन्न असामान्य प्रकार के द्रव्य बनाते हैं) प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के सम्भावित क्वार्क संघटन समझाइये।
अभ्यास 1.15 के एकसमान वैद्युत क्षेत्र का 20 सेमी. भुजा के किसी पन से (जो इस प्रकार अभिविन्यासित है कि उसके फलक निर्देशांक तलों के समान्तर हैं) कितना नेट फ्लक्स गुजरेगा?
दो वैद्युत आवेशों के बीच स्थिर वैद्युत बल के लिए कूलॉम नियम तथा दो स्थिर बिंदु द्रव्यमानों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के लिए न्यूटन का नियम दोनों में ही बल आवेशों/द्रव्यमानों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
इन दोनों बलों के परिमाण ज्ञात करके इनकी प्रबलताओं की तुलना की जाए
एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन के लिए, दो प्रोटॉनों के लिए।
इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन में पारस्परिक आकर्षण के वैद्युत बल के कारण इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के त्वरण आकलित कीजिए जबकि इनके बीच की दूरी $A(= 10^{-10} m)$ है।$(m_p= 1.67 \times 10^{-27} K, m_e = 9.11 \times 10^{-31} \ kg)$