हम सभी जानते हैं कि भारत एक धर्म प्रधान देश रहा है । देवी-देवताओं के प्रति यहाँ के लोगों के मन में अपार श्रद्धा रहती आई है। अतः जहाँ-जहाँ मंदिर बने वहाँ-वहाँ दर्शनार्थियों की भीड़ जुटने लगी । अधि क लोगों के आवागमन के कारण उनके उपयोग की वस्तुओं की दुकानें खलने लगीं । बाद में स्थानीय लोग भी इन उत्पादों को खरीदने लगे । इसी तरह क्रमशः मंदिरों के आसपास नगर विकसित हो गए।