व्यापारिक वस्तुओं के यातायात के लिये सड़क विकसित थे । सड़कों पर बैलगाड़ी, घोड़ा, खच्चर सामान ढोने के साधन थे । दूर-दराज का व्यापार नदी मार्गों से होता था । तटीय क्षेत्रों में समुद्री मार्ग का उपयोग भी होता था । बन्दरगाहों को अच्छी सड़कों द्वारा जोड़ा गया था । विदेश व्यापार समुद्री जहाजों द्वारा होता था । ऊँट भी सामान ढाने के अच्छे साधन थे।