धातुमूर्ति निर्माण के लुप्त मोम तकनीक के अनेक लाभ थे । पहला लाभ तो यह था कि इस तकनीक से मनचाही आकृति की मूर्ति बनाई जाती थी । मोम बर्बाद नहीं होता था । पिघलाकर निकालने के बाद उसे पुनः ठोस रूप में प्राप्त कर लिया जाता था। इस तकनीक में कम ही समय में अधिक मूर्तियाँ बनाई जा सकती थीं।