आर्द्र पर्णपाती और शुष्क पर्णपाती वनों में क्या अन्तर है ? इनके पेड़ों के तीन-तीन उदाहरण दें।
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बिहार के वन मॉनसूनी प्रकार के हैं और पर्णपाती हैं। सामान्यतः 125cm से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में शुष्क पर्णपाती वन पाया जाता है। आई पर्णपाती वनों के वृक्ष सदाबहार होते हैं जैसे आम, जामुन, कटहल, सखुआ, पलास, पीपल सेमल, बरगद, करंग, गंभार आदि। वनों के अतिरिक्त साबेघास भी पाया जाता है। इस प्रकार के वृक्ष मुख्यतः चम्पारण, सहरसा, पूर्णिया एवं अररिया के उत्तर भाग में पाये जाते हैं।

शुष्क पर्णपाती वनों में भी वे सभी पेड़ उगते हैं जो आई पर्णपाती वनों में पाये जाते हैं। परंतु ये आकार में छोटे और कम घने होते हैं और ग्रीष्म काल के प्रारंभ में ही इनके पत्ते गिर जाते हैं। इनमें मुख्यतः शीशम, महुआ, पलास, बबूल, खजूर और बाँस के पेड़ मिलते हैं, आम, अमरूद, कटहल के पेड़ भी पाये जाते हैं। ऐसे वन कृषि कार्य एवं आवास बनाने हेतु तेजी से काटे जा रहे हैं। फिर भी गया, दक्षिणी मुंगेर तथा दक्षिणी भागलपुर में इनकी संघनता पाई जाती है। नेपाल की सीमा से सटे तराई भागों में वर्षा की अधिकता के कारण आर्द्र पर्णपाती वन मिलते हैं जिसमें शीशम, सखुआ, सेमल तथा खैर के पेड़ों की प्रमुखता रहती है। कोसी क्षेत्र में नरकट जाति की झाड़ियाँ भी उगती हैं।
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