आर्थिक विकास का अर्थ है देश के प्राकृतिक एवं मानवीय साधनों के कुशलतम प्रयोग द्वारा राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति वास्तविक आय में वृद्धि करना है। इस तरह आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के समस्त क्षेत्रों में उत्पादकता का ऊँचा स्तर प्राप्त करना होता है। – मौद्रिक विकास के अन्तर्गत मुद्रा के प्रादुर्भाव से आधुनिक मुद्रा के प्रचलन तक के काल को सम्मिलित करते हैं। मुद्रा के आगमन से पूर्व वस्तु-विनिमय प्रणाली का प्रचलन था। इसके बाद सिक्कों तथा कागजी मुद्रा (पहली बार चीन में) में प्रचलन में आया। वर्तमान में प्लास्टिक मुद्रा जैसे ए.टी.एम. एवं क्रेडिट कार्ड का प्रचलन है।