आर्थिक विकास को मापने के लिए किसी देश की आर्थिक विकास की धारणीयता को भी समझना आवश्यक है। विकसित देश विकास की प्रक्रिया में विकास का स्तर ऊंचा करने का या विकास के स्तर को भावी पीढ़ी के लिए बनाये रखने का प्रयास करेंगे। ठीक उसी प्रकार विकासशील देशों की स्थिति रहेगी। जो स्पष्ट रूप से वांछनीय है। लेकिन पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार विकास का वर्तमान प्रकार एवं स्तर धारणीय नहीं है। इसके कारण निम्नलिखित है।
- आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक विदोहन तथा दुरुपयोग।
- पर्यावरण संबंधी समस्याएं।
- जंगलों का नष्ट होना तथा
- भूमिगत जल का अति उपयोग।
विकास की प्रक्रिया को निरंतर बनाये रखने के लिए ही धारणीयता विकास की अवधारणा का जन्म हुआ। निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि विकास की प्रक्रिया एक दीर्घकालीन एवं निरंतर चलनेवाली प्रक्रिया है। अतएव हमें समय-समय पर अपने लक्ष्यों में परिवर्तन एवं : संशोधन करने की आवश्यकता है।