आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह का 1857 ई. के संघर्ष में योगदान को स्पष्ट कीजिए।
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आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह का 1857 के संघर्ष में योगदान-
  1. आउवा के ठाकुर कशाल सिंह दिल्ली की ओर जाते एरिनपुरा के विद्रोहियों से मिले और इन सैनिकों को अपने साथ आउवा ले गये।
  2. आउवा में क्रांति का नेतृत्व ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत
  3. द्वारा किया गया। |
  4. ठाकुर कुशाल सिंह के नेतृत्व में यहाँ के सैनिकों ने 8 | सितम्बर, 1857 ई. को बिठौरा (पाली) में कैप्टन हीथकोट
  5. व जोधपुर महाराजा तख्तसिंह की संयुक्त सेना को पराजित |किया।
  6. 8 सितम्बर, 1857 ई. को क्रांतिकारियों ने जोधपुर के पॉलिटिकल एजेण्ट मोकमैसन को चेलावास के युद्ध में हराया तथा उसका सिर काटकर आउवा के किले के दरवाजे पर लटका दिया।
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