हाँ मैंने सिनेकार रिचर्ड एटेनबरो की फिल्म ‘गाँधी’ देखी थी। उसमें भारतीय जीवन की बदहाली और उसके संपर्क में आकर विकसित होते, एक मानव से महामानव के रूप में विकसित होते, संघर्षशील, विचारवान और ऊर्जावान व्यक्ति के रूप में गाँधीजी का उचित चित्रण व मूल्यांकन किया गया