1817 ई. में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री, इतिहासकार और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन खंडों में (हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया) ब्रिटिश भारत का इतिहास नामक एक पुस्तक लिखी । अपनी इस किताब में जेम्स मिल ने भारत के इतिहास को हिन्दू-मुस्लिम और ब्रिटिश इन तीन काल खंडों में बांटा । यह विभाजन इस विचार पर आधारित था कि शासकों का धर्म ही एकमात्र महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक परिवर्तन होता है।
कालखंड के इस निर्धारण को उस वक्त लोगों ने मान भी लिया । पर ऐसा करना गलत था। किसी भी स्थान या देश के इतिहास का निर्धारण मात्र उस देश के शासक के धर्म पर नहीं होता। इसके पीछे कई कारक होते हैं जिनमें आर्थिक, सांस्कृतिक, वैचारिक और राजनीतिक आदि कारण शमिल होते हैं । जेम्स मिल का भारतीय इतिहास के कालखंड को बांटने का जो आधार है यानी शासकों का धर्म ही ऐतिहासिक परिवर्तन का आधार है-बेहद दकियानूसी विचार है और मैं ऐसे संकीर्ण विचार से सहमत नहीं हूँ।