(b) यदि बाह्य बल की आवृत्ति वास्तविक आवृत्ति के बराबर हो तो दोलनों का आयाम अधिकतम होता है। इसे ही अनुनाद कहते है। अतः अनुनाद बलीय दोलन का उदाहरण है।
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एक कक्ष $A$ का रिभरवेरेशन काल एक सेकण्ड है। एक दूसरे कक्ष के सभी माप कक्ष $A$ की तुलना में दोगुने मान रखते हैं। इस दूसरे कक्ष का रिभरवेरेशन काल (सेकण्ड में) क्या होगा ?
एक खींचा हुआ तार स्वरित्र के साथ 512 हर्टज आवत्ति के दोलन करता है जबकि तार की लम्बाई $0.5$ मीटर है। यदि आवृत्ति 256 हर्टज हो तो तार की लम्बाई का मान होगा।
एक बिन्दु स्रोत अवशोषण रहित माध्यम में सभी दिशाओं में समान रूप से ध्वनि उत्पन्न करता है। दो बिन्दु $P$ और $Q$ स्रोत से क्रमशः 2 मीटर तथा 3 मीटर दूरियों पर है। बिन्दुओं $P$ व $Q$ पर तंरगों की तीव्रताओं का अनुपात है:
द्रव्यमान $m _1$ तथा लम्बाई $L$ की कोई एकसमान रस्सी किसी दृढ़ टेक से ऊध्धाधर लटकी है। इस रस्सी के मुक्त सिरे से द्रव्यमान $m _2$ का कोई गुटका जुड़ा है। रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्घ्य $\lambda_1$ का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है। यदि रस्सी के शीर्प तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्घ्य $\lambda_2$ हो जाती है, तब अनुपात $\lambda_2 / \lambda_1$ का मान है :
$100 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करता हुआ एक ध्वनि स्त्रोत $S$ तथा एक प्रेक्षक $O$, एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। यह ध्वनि स्त्रोत, $19.4 \ ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। उसके चलने की दिशा, स्त्रोत तथा प्रेक्षक की रिथितियों को मिलाने वाली सरलरेखा से $60^{\circ}$ का कोण बनाती है $($आरेख देखिये$)$। यदि, प्रेक्षक अपनी रिथति पर ही रूका रहता है तो, प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आभासी आवृत्ति होगी (हवा में ध्वनि का वेग $\left.330 \ ms ^{-1}\right)$ :
एक ध्वनि के स्रोत को जब दूसरे स्रोत $( f =100 Hz )$ के साथ ध्वनित किया जाता है तो वह 5 विस्पंद/सेकंड बनाता है। यदि दूसरे स्रोत की आवृत्ति 205 हर्टज कर दी जाए तो यह 5 विस्पंद/सैकंड बनाता है। तो पहले स्रोत की आवृत्ति क्या होगी?