एक कार्नो इंजन के गर्त $($सिंक$)$ का ताप $300 K$ है और इसकी दक्षता $40 \%$ है। स्रोत ताप को कितना बढ़ाया जाए कि इंजन की दक्षता इसकी पहली दक्षता से $50 \%$ अधिक हो जाए?
[2006]
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$\eta=\frac{T_1-T_2}{T_1}$
$ 0.4=\frac{ T _1-300}{ T _1} $
$\Rightarrow T _1-300=0.4 T _1 $
$ 0.6 T _1=300 $
$\Rightarrow T _1=\frac{300}{0.6}=500 K $
अब $\eta=60 \%$
$ 0.6=\frac{ T _1-300}{ T _1} $
$\Rightarrow T _1-300=0.6 T$
$0.4 T _1=300 $
$\Rightarrow T _1=\frac{300}{0.4}=750 K $
तापमान में वृद्धि $=750-500=250 K$
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यदि किसी ताप गतिक प्रक्रम में, निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि $\Delta U$ और उसके द्वारा किया गया कार्य $\Delta W$ हो तो, निम्नलिखित में से कौन सा सत्य (सही) है?
एक आदर्श गैस के लिए स्थिर दाब अवस्था में मोलर विशिष्ट ऊष्मा का मान $(7/2) \ R$ है। इसके लिए स्थिर दाब और स्थिर आयतन अवस्थाओं में विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात होगा
कोई रेफ्रिजरेटर $4^{\circ} C$ और $30^{\circ} C$ के बीच कार्य करता है। प्रशीतन किए जाने वाले स्थान का ताप नियत रखने के लिए $600$ कैलोरी ऊप्मा का प्रति सेकण्ड बाहर निकालना आवश्यक होता है। इसके लिए आवश्यक शक्ति चाहिए :
एक ऊष्मागतिकी प्रक्रम (चित्र देखें) में गैस को $A$ से $B$ तक $ACB$ द्वारा फिर वापिस $A$ तक $BDA$ द्वारा लाया गया है। पूरे प्रक्रम में किया गया कार्य किस क्षेत्रफल के बराबर होगा?
एक द्विपरमाणुक गैस $(\gamma=1.4)$ के किसी द्रव्यमान का दाब 2 वायुमंडलीय दाब के बराबर है। इसको रूद्धोष्म अवस्था में इतना संपीडित किया जाता है कि उसका ताप $27^{\circ} C$ से $927^{\circ} C$ हो जाता है। अंतिम अवस्था में गैस का दाब है :