अस्पृश्यता के अन्तर्गत एक ही धर्म के लोग (ऊँची जाति के हिन्दू) अपने ही धर्म के अन्य सदस्यों (कुछ निचली जातियों) को दबाते हैं। धर्म के नाम पर अलग- थलग करने ओर भेदभाव को रोकने के लिए भारतीय संविधान ने अस्पृश्यता पर पाबंदी लगाई है। इससे निचली जातियों के मौलिक अधिकारों का हनन रुकता है। अतः अस्पृश्यता उन्मूलन आवश्यक है।