भारतीय धर्मनिरपेक्षता- भारतीय संविधान में कहा गया है कि भारतीय राज्य धर्मनिरपेक्ष होगा। भारत के संविधान के अनुसार, केवल धर्मनिरपेक्ष राज्य ही निम्नलिखित बातों का ख्याल रख सकता है-
(1) कोई एक धार्मिक समुदाय किसी दूसरे धार्मिक समुदाय को न दबाए।
(2) कुछ लोग अपने ही धर्म के अन्य सदस्यों को न दबाएं।
(3) राज्य न तो किसी खास धर्म को थोपेगा और न ही लोगों की धार्मिक स्वतन्त्रता छीनेगा।