मध्यकालीन शहर परम्परागत व्यवसायों, शासन-सत्ता के केन्द्र व मन्दिरों के केन्द्र होने के कारण विकसित हुए थे। जबकि औपनिवेशिक शहर, अंग्रेजों के आधुनिक व्यवसाय-वाणिज्य के कारण विकसित हुए थे। औपनिवेशिक शहरों के विकास के साथ-साथ मध्यकालीन शहरों में वस्तुओं के उत्पादन कम होने लगे, उन वस्तुओं की मांग घटने लगी और ये शहर उजड़ने लगे।