भागलपुर शहर का सबसे प्रसिद्ध उद्योग तसर सिल्क का कपड़ा तैयार करना था। यह व्यवसाय यहाँ बहुत पुराने समय से चला आ रहा था। इसलिए इस शहर को सिल्क सिटी भी कहा जाता है। यहाँ 1810 में करीब 3275 करघे चल रहे थे। इस व्यवसाय का प्रमुख केन्द्र चम्पानगर और नाथनगर मुहल्ला था। रेशम और सूत की मिलावट से ‘बाफ्टा’ तैयार किया जाता था। यहाँ का कपड़ा यूरोपीय देशों को भेजा जाता था, जहाँ इसकी बहुत मांग थी। इन्हीं कारणों से भागलपुर को सिल्क सिटी (रेशमी शहर) कहा ‘जाता था।