बेन्जीन से $($From Benzene$) -$ ताम्रलौह उत्प्रेरक की उपस्थिति में बेन्जीन की $HCI $ तथा वायु $($ऑक्सीजन$)$ के साथ क्रिया करवाने पर पहले क्लोरोबेन्जीन बनती है जिसका $SiO_2$ की उपस्थिति में जल अपघटन करवाने पर फीनॉल प्राप्त होता है। इसे राशिग प्रक्रम कहते हैं।
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक यौगिक $(X) PCI_5$ से क्रिया करके यौगिक $Y$ बनाता है। यौगिक $Y$ की क्रिया मैग्नीशियम के ईथरी विलयन से कराने से प्राप्त यौगिक $(Z)$ की क्रिया प्रोपेनॉन के साथ कराकर जल अपघटन करने से $2-$मेथिल प्रोपेन$-2-$ऑल बनता है। यौगिक $X$ तथा $Y$ क्या हैं तथा अभिक्रियाओं के समीकरण भी दीजिए।
कारण दीजिए $-$
$(i)$ एथेनॉल का क्वथनांक मेथॉक्सीमेथेन से अधिक होता है।
$(ii)$ एथेनॉल आसानी से जल में विलेय हो जाता है।
$(iii)$ फीनॉल, ऐल्कोहॉल की तुलना में प्रबल अम्ल होता है।
कारण दीजिए- (i) फीनॉल में उपस्थित कार्बन-ऑक्सीजन (C-O) आबंध लम्बाई मेथेनॉल से कम होती है। (ii) ईथर में उपस्थित C-O-C आबंध कोण चतुष्फलकीय कोण से अधिक होता है। (iii) समावयवी ऐल्कोहॉलों में शाखन के बढ़ने पर क्वथनांक कम हो जाता है।
$C_2H_5OH$ की निम्नलिखित अभिक्रियाओं का वर्णन कीजिए$-$
$(i)$ शॉटन बोमान अभिक्रिया
$(ii)$ सान्द्र $HNO_3$ से क्रिया
$(iii) NH_3$ के आधिक्य से क्रिया
$(iv)$ लाल $P$ तथा $HI$ से अपचयन।