कारण दीजिए $-$
$(i)$ एथेनॉल का क्वथनांक मेथॉक्सीमेथेन से अधिक होता है।
$(ii)$ एथेनॉल आसानी से जल में विलेय हो जाता है।
$(iii)$ फीनॉल, ऐल्कोहॉल की तुलना में प्रबल अम्ल होता है।
(माध्य. शिक्षा बोर्ड, 2022)
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$(i)$ एथेनॉल का क्वथनांक मेथॉक्सीमेथेन से अधिक होने का कारण एथेनॉल में अन्तराआण्विक हाइड्रोजन आबन्ध के कारण अणुओं का संगुणन होना है। यह संगुणन मेथॉक्सीमेथेन में नहीं होता है।
$(ii)$ एथेनॉल जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन आबन्ध बना लेता है जिसके कारण इसकी जल में विलेयता बढ़ जाती है तथा यह आसानी से जल में विलेय हो जाता है।
$(iii)$ फीनॉल के आयनन से प्राप्त फीनॉक्साइड आयन में अनुनाद $(+M$ प्रभाव$)$ के कारण यह स्थायी होता है तथा फीनॉल में $- OH$ से संयुक्त $sp^2$ संकरित कार्बन की उच्च विद्युतऋणता के कारण ऑक्सीजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है, जिससे $-OH$ बन्ध की ध्रुवता बढ़ जाती है, जिससे इसका आयनन बढ़ जाता है। ऐसा ऐल्कोहॉल में नहीं होता अतः फीनॉल ऐल्कोहॉल की तुलना में प्रबल अम्ल होता है।
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कारण दीजिए- (i) फीनॉल में उपस्थित कार्बन-ऑक्सीजन (C-O) आबंध लम्बाई मेथेनॉल से कम होती है। (ii) ईथर में उपस्थित C-O-C आबंध कोण चतुष्फलकीय कोण से अधिक होता है। (iii) समावयवी ऐल्कोहॉलों में शाखन के बढ़ने पर क्वथनांक कम हो जाता है।