भारत में गरीबी उन्मूलन का एक सुनियोजित कार्यक्रम है। वर्तमान समय में सरकारी रणनीति मोटे तौर पर दो कारकों (i) आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहन देना (ii) लक्षित निर्धनता विरोधी कार्यक्रमों पर आधारित है । 1980 के दशक के आरंभ तक समाप्त हुए 30 वर्ष की अवधि के दौरान प्रतिव्यक्ति आय में कोई वृद्धि नहीं हुई और निर्धनता में भी कभी नहीं आई। 1980 के दशक से भारत की आर्थिक संवृद्धि दर विश्व में सबसे अधिक रही है। विकास की उच्च दर ने गरीबी को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसके अतिरिक्त वर्तमान सरकार की रणनीति में गरीबी उन्मूलन के लिए अनेक लक्षित निर्धनता विरोधी कार्यक्रम चलाए गए हैं। सितंबर 2005 ई. में ‘राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम देश के 200 जिलों में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिनों के सुनिश्चित रोजगार के अवसर के लिए चलाया गया है । एक और महत्वपूर्ण योजना ‘राष्ट्रीय काम के बदले अनाज’ कार्य क्रर्म है जिसे 2004 ई. में देश के सबसे पिछड़े 150.
जिलों में गरीबों के लिए लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त गरीबी उनमूलन के लिए ‘प्रधानमंत्री रोजगार योजना’ ‘ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम’, स्वर्ण जयंती, ‘ग्राम स्वराज योजना’, ‘प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना’ आदि लागू की गई है।