बिहार में ग्रामीण गरीबी के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
- बाढ़ की समस्या-बिहार में हर वर्ष बाढ़ का आना तय है, जिससे घर, फसल, मवेशी आदि की क्षति होती है। ऐसे समय में रोजगार के अवसर शून्य हो जाते हैं। जिससे गरीबी रेखा के ऊपर वाले लोग भी गरीबी रेखा के नीचे चले आते हैं।
- मौसमी रोजगार-बिहार की कृषि में सामान्यत: 6-7 महीने ही काम चलता है, और शेष माह खेती में लगे व्यक्तियों को बेकार बैठना पड़ता है। इससे गरीबी बनी रहती है।
- संवृद्धि आधारित कमजोरियाँ-सकल राजकीय घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के प्रभाव सभी वर्गों तक नहीं पहुँच पा रहें हैं।
- औद्योगीकरण का अभाव-बिहार राज्य इस क्षेत्र में बिलकुल पिछड़ा राज्य है । इसके कारण लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं हैं। आय के बेहतर स्रोत के अभाव में तथा बेकारों की बढ़ती हुई संख्या के कारण लोगों में गरीबी वर्तमान है ।
गरीबी की समस्या के समाधान के उपाय-(i) प्रधानमंत्री रोजगार योजना, (ii) ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम, (iii) स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, (iv) प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना ।