जल परिवहन दो प्रकार के होते हैं –
पहला आंतरिक जल परिवहन और दूसरा समुद्री जल परिवहन । आंतरिक जल-परिवहन देश के अन्दर नदियों के जल में जहाजों का परिचालन किया जाता है और यात्री व माल की ढुलाई की जाती है। देश के अन्दर लगभग 15 हजार किलोमीटर नौसंचालन जलमार्ग हैं। भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल के हल्दिया से इलाहाबाद तक गंगा नदी में, सदिया से घुबरी ब्रह्मपुत्र नदी में, दक्षिण भारत में केरल के तटीय नहर कोट्टापरम से कोल्लम को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। गोदावरी, कृष्णा, सुंदरवन आदि महत्त्वपूर्ण आंतरिक जलमार्ग हैं। मैंने पटना में भी गंगा नदी में मालवाहक जहाज देखा है । पूर्वी पटना में गंगा तट पर राजेन्द्र प्रसाद अन्तर्देशीय जलपरिवहन टर्मिनल है।
समुद्री जल परिवहन भारत की लगभग साढ़े सात हजार किलोमीटर लंबी समुद्री तट बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के साथ लगी हुई है । इन समुद्र तटों पर 12 प्रमुख बड़े बंदरगाह और कई छोटे और मंझोले पत्तन हैं जिनसे अंतर्राष्ट्रीय परिवहन सुलभ होता है।