देश में परिवहन के चार साधन विकसित हैं
- सड़क परिवहन
- रेल परिवहन
- पाइप लाइन
- वायु परिवहन
- जल परिवहन
(i) सड़क परिवहन सड़कें परिवहन का एक मुख्य साधन है। हम स्कूल आने, प्रखंड जाने, जिला मुख्यालय जाने में सड़क का उपयोग करते हैं। अपने देश की सड़कों को उनकी उपयोगिता और क्षमता के आधार पर विभिन्न प्रकारों में बाँटा गया है। इसी आधार पर उनकी देखरेख की जाती है।
(ii) रेल परिवहन-रेल परिवहन यात्रियों एवं माल ढुलाई का प्रमुख साधन है। यह देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठान है जिसमें लगभग 16 लाख कर्मचारी काम करते हैं। देश में रेलवे को प्रशासनिक सुविधा के लिए 16 मंडलों में बाँटा गया है जिस पर रेलवे बोर्ड नियंत्रण रखता है। बिहार के हाजीपुर में पूर्व मध्य रेलवे का मंडल कार्यालय अवस्थित है। रेलवे समय-समय पर देश के अन्दर अनेक तीर्थ स्थानों को जोड़ने वाली ट्रेनें भी चलाती हैं।
(iii) पाइप लाइन हममें से कोई भी इस परिवहन का उपयोग नहीं करता । यह जमीन के अन्दर बिछाई गई पाईप लाइनें होती हैं, जिनकी मदद से पेट्रोलियम पदार्थ, जल, गैस आदि एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाई जाती है। इन पाइप लाइनों को बिछाने में प्रारंभिक खर्च तो बहत ज्यादा आता है लेकिन इसके रख-रखाव में कम दिक्कतें होती हैं। इस परिवहन में बाधाएँ भी कम आती हैं और समय भी कम लगता है, साथ ही परिवहन में सामग्री का नुकसान भी कम होता है। इसलिए धीरे-धीरे परिवहन का यह मार्ग सस्ता होता जाता है।
(iv) वायु परिवहन हेलीकॉप्टर, जेट ये सभी वायु परिवहन के अन्तर्गत आते हैं। परिवहन के साधनों में ये सबसे द्रुतगामी के साधन हैं। यद्यपि यह महँगा है, फिर भी दुर्गम क्षेत्रों में भी आसानी से और आरामदायक ढंग से पहँचा जा सकता है। पहले वाय परिवहन विशिष्ट लोगों के ही हाथ में था, लेकिन 1953 में सरकार ने वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कर दिया।
(v) जल परिवहन -आंतरिक जल-परिवहन देश के अन्दर नदियों के जल में जहाजों का परिचालन किया जाता है और यात्री व माल की ढुलाई की जाती है। देश के अन्दर लगभग 15 हजार किलोमीटर नौसंचालन जलमार्ग है।