“एक स्थान से दूसरे स्थान तक व्यक्तियों या वस्तुओं को. पहुँचाना-लाना परिवहन कहलाता है।” यह सड़क मार्ग, रेल मार्ग, हवाई मार्ग, जल मार्ग से होता है। यह विभिन्न प्रकार के वाहनों से संभव हो पाता है। रेल यात्रा समाप्त करके स्टेशन से बाहर निकलने पर हम पाते हैं कि गंतव्य तक पहुँचने के लिए रिक्शा, ऑटोरिक्शा, टमटम, कारें, जीप, बस इत्यादि मिलती हैं। ये सभी वाहन हमें या सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने में मदद करती हैं। ये सभी भूमि पर चलते हैं इसलिए स्थलीय परिवहन के साधन हैं।
वहीं दूसरी ओर हवाई जहाज आसमान में उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक की दूरी तय करती हैं इसलिए इन्हें हवाई साधन कहते हैं। नावें, स्टीमर, जहाजें पानी में चलकर गंतव्य तक पहुँचती हैं। इसलिए उन्हें जल परिवहन के साधन कहते हैं। बिना इन साधनों के आवागमन संभव नहीं है। इसलिए परिवहन एवं यातायात के साधन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं।