ऊर्जा के परम्परागत स्रोत सदियों से ऊर्जा प्रदान करते आ रहे हैं परंतु ये स्रोत क्षयशील एवं अनवीकरणीय है । परंपरागत स्रोत के अन्तर्गत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जलविद्युत इत्यादि को शामिल किया जाता है। इनमें जलविद्युत को छोड़कर सभी अनवीकरणीय स्रोत हैं । इन खनिजों का उपयोग एक बार हो जाने पर वे समाप्त हो जाते हैं। उनकी नवीकरण या पुन:चक्रण संभव नहीं होता है। कुल भंडार में से उपयोग की गई मात्रा हमेशा घटती जाती है इसलिए यह क्षयशील संसाधन है ।