भू-सुधार-भारत संघ में विलय के समय राजस्थान की लगभग 75 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों में लगी हुई थी। राजस्थान की भूमि का आधे से ज्यादा भाग एकदम सूखा व रेगिस्तानी था। राज्य की प्रमुख समस्या भूमि सुधारा से संबंधित थी। इस हेतु राजस्थान की सभी एकीकृत रियासतों के लिए एक राजस्व मंडल की स्थापना की गई थी। भूमि संबंधी विवाद अत्यन्त जटिल होते हैं। अतएव उनसे राज्य की विशेषतः ग्रामीण क्षेत्रों की शांति एवं व्यवस्था जुड़ी हुई होती है। विवादों में फंसे लोगों को सस्ता, शीघ्र और सुलभ न्याय मिले इसके लिए राजस्व मंडल को उत्तरदायित्व दिया गया तथा भूमि सुधार हेतु राज्य सरकार ने राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 एवं राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 लागू किये हैं।