मतदान प्रक्रिया की तैयारी-मतदान प्रक्रिया में मतदान केन्द्रों का निर्धारण, मतदाता सूची का प्रकाशन, उम्मीदवारों की सूची, ई.वी.एम. को चुनाव हेतु तैयार करना आदि कार्य शामिल हैं। मतदान दल का गठन-प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा एक मतदान दल का गठन किया जाता है। मतदान दल में एक पीठासीन अधिकारी व अन्य मतदान अधिकारी होते हैं। मतदाता द्वारा मतदान करना-मतदान केन्द्र में प्रवेश करते ही मतदाता के नाम का मतदाता सूची से मिलान किया जाता है। इसके बाद मतदाता के बायें हाथ की अंगुली (तर्जनी) पर अमिट स्याही लगाई जाती है। मतदाता रजिस्टर में उसके हस्ताक्षर करने के बाद मतदाता ई.वी.एम. मशीन पर वोट डालने के लिए मतदान केबिन में प्रवेश करता है। वहाँ वह ई.वी.एम. का बटन दबा कर गुप्त रूप से अपना वोट डालता है। इस प्रकार मतदान प्रक्रिया पूर्ण होती है। मतों की गणना तथा परिणाम की घोषणा-संबंधित रिटर्निंग अधिकारी अपने सम्मुख उम्मीदवार या उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में ई.वी.एम. के मतों की गणना करवाता है तथा परिणाम की घोषणा करता है।