बहुत अधिक दूरियों पर (30,000 km से अधिक) पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र अपनी द्विधुवीय आकृति से काफी भिन्न हो जाता है। कौन से कारक इस विकृति के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं?
Exercise - 5.2
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चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ (हर बिंदु पर) वह दिशा बताती हैं जिसमें (उस बिंदु पर रखी) चुंबकीय सुई संकेत करती है। क्या चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ प्रत्येक बिंदु पर गतिमान आवेशित कण पर आरोपित बल रेखाएँ भी हैं?
एक टोरॉइड में तो चुंबकीय क्षेत्र पूर्णतः क्रोड के अंदर सीमित रहता है, पर परिनालिका में ऐसा नहीं होता। क्यों?
यदि चुंबकीय एकल ध्रुवों का अस्तित्व होता तो चुंबकत्व संबंधी गाउस का नियम क्या रूप ग्रहण करता?
क्या कोई छड़ चुंबक अपने क्षेत्र की वजह से अपने ऊपर बल आघूर्ण आरोपित करती है? क्या किसी धारावाही तार का एक अवयव उसी तार के दूसरे अवयव पर बल आरोपित करता है।
गतिमान आवेशों के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होते हैं। क्या कोई ऐसी प्रणाली है जिसका चुंबकीय आघूर्ण होगा, यद्यपि उसका नेट आवेश शून्य है?
एक जगह से दूसरी जगह जाने पर पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र बदलता है। क्या यह समय के साथ भी बदलता है? यदि हाँ, तो कितने समय अंतराल पर इसमें पर्याप्त परिवर्तन होते हैं?
एक समोर्जी $18\ \text{keV}$ वाले इलेक्ट्रॉनों के किरण पुंज पर जो शुरू में क्षैतिज दिशा में गतिमान है, $0.04\ G$ का एक क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र, जो किरण पुंज की प्रारंभिक दिशा के लम्बवत् है, लगाया गया है। आकलन कीजिए $30$ सेमी. की क्षैतिज दूरी चलने में किरण पुंज कितनी दूरी ऊपर या नीचे विस्थापित होगा$? (m_{e }= 9.11 \times 10^{-31} kg, e = 1.60 \times 10^{-19 }C)$
अंतरातारकीय अंतरिक्ष में $10^{−12} \ T$ की कोटि का बहुत ही क्षीण चुम्बकीय क्षेत्र होता है। क्या इस क्षीण चुम्बकीय क्षेत्र के भी कुछ प्रभावी परिणाम हो सकते हैं? समझाइए।
अपने 4-5 अरब वर्षों के इतिहास में पृथ्वी अपने चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कई बार उलट चुकी होगी। भूगर्भशास्त्री, इतने सुदूर अतीत के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के बारे में कैसे जान पाते हैं?
एक चुम्बकीय सुई जो क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है, $30$ फेरों एवं $12$ सेमी. त्रिज्या वाली एक कुंडली के केन्द्र पर रखी है। कुंडली एक ऊर्ध्वाधर तल में है और चुम्बकीय याम्योत्तर से $45^\circ$ का कोण बनाती है। जब कुंडली में $0.35\ A$ धारा प्रवाहित होती है, चुम्बकीय सुई पश्चिम से पूर्व की ओर संकेत करती है।
इस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज अवयव का मान ज्ञात कीजिए।
कुंडली में धारा की दिशा उलट दी जाती है और इसको अपनी ऊर्ध्वाधर अक्ष पर वामावर्त दिशा में $($ऊपर से देखने पर$) 90^\circ$ के कोण पर घुमा दिया जाता है। चुम्बकीय सुई किस दिशा में ठहरेगी$?$ इस कथन पर चुम्बकीय दिक्पात शून्य लीजिए।