भूटान की कृषि-यहाँ मात्र 10% से भी कम भूमि पर कृषि कार्य होता है। कृषि कार्य नदियों की आंतरिक घाटियों एवं मध्यम ढालों पर होता है। पश्चिमी भागों में कृषि अधिक विकसित है। पूर्वी भाग में स्थानांतरण कृषि होती है। यहाँ चावल, गेहूँ, जौ, आलू, मक्का तथा सब्जियाँ उपजाई जाती हैं।
औद्योगिक विकास-इस दृष्टि से भूटान बहुत पिछड़ा तथा परिवहन के साधनों की कमी के कारण यहाँ संसाधनों के विकास में भारी कठिनाई है। लघु तथा कुटीर उद्योगों की स्थापना हुई है। यहाँ प्लाइउड, पैकिंग, डिस्टिलरी, रेजिन व तारपीन के तेल के उद्योग स्थापित हैं। यहाँ पर्यटन उद्योग का विकास हो रहा है।