बिहार में कृषक मजदूरों की वर्तमान दशा एवं समस्याओं का उल्लेख करें।
स्वाध्याय
Download our app for free and get startedPlay store
बिहार की कुल आवादी की 48% संख्या कृषक मजदूरों की है। ग्रामीण ऋण ग्रस्तता के कारण उनकी दशा काफी दयनीय है। इन मजदूरों की अनेक समस्याएँ हैं
  • कम मजदूरी-उन्हें कम मजदूरी देकर अधिक से अधिक काम लिया जाता है।
  • मौसमी रोजगार-कृषि के समय में इन्हें कार्य मिलता है बाकी के महीने बैठे रहते हैं।
  • ऋणग्रस्ता-ये सदा ऋण ग्रस्त रहते हैं। जिसके कारण इन्हीं बेगारी भी करनी होती है।
  • आवास की समस्या-आवास हीनता से ग्रसित ये कहीं पर झोपड़ी बनाकर रहते हैं, स्वस्थ वातावरण के अभाव में इनके बच्चे अस्वस्थ हो जाते हैं।
  • सहायक धंधों का अभाव-कृषि के अलावा गाँवों में और कोई कार्य नहीं । बेकार बैठे समय इनका बीतता है । कोई संकट के समय इन पर संकट ही संकट आ पड़ता है।
  • संगठन का अभाव-कृषि-मजदूरों में संगठन का बिलकुल अभाव है। अपनी समस्याओं को किसी से कह नही.सकते ।
  • निम्न सामाजिक स्तर-बिहार में कृषक मजदूर अनुसूचित जाति या पिछड़ी जाति के हैं जिनका सदियों से शोषण होता आया है इससे उनका सामाजिक स्तर निम्न कोटी का बना हुआ है। ये सारी समस्याएँ श्रमिकों की हैं।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    बिहार में कृषक मजदूरों के पलायन से उत्पन्न समस्याओं पर प्रकाश डालें । इनका निदान कैसे किया जा सकता है ?
    View Solution
  • 2
    बिहार में कृषक मजदूरों की संख्या क्यों तेजी से बढ़ती जा रही है ?
    इनकी दशा में सुधार लाने के लिए उपाय बतावें।
    View Solution
  • 3
    बिहार में कृषक मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक उपाय पर प्रकाश डालें
    View Solution
  • 4
    कृषक मजदूरों की दशा सुधारने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रयासों पर प्रकाश डालें।
    View Solution