बंगाल के अराबाड़ी वनों को संरक्षित वन का एक उत्तम उदाहरण क्यों माना जाता है?
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1972 में प. बंगाल वन विभाग को प्रदेश के दक्षिण पश्चिम जिलों में नष्ट हुए साल के वनों की पुनःपूरण करने की अपनी योजना के असफल होने के कारणों का पता लगा। सतर्कता की परम्परागत विधियों तथा पुलिस की कार्यवाई से स्थानीय लोग तथा प्रशासन में बहुत दूरी हो गई जिसके फलस्वरूप वन कर्मचारियों तथा प्रशासन में प्रायः झड़पें होने लगीं तथा इन झड़पों ने नक्सली जैसे हिंसक आंदोलनों स्थानीय लोगों को हवा दी। अतः वन विभाग ने अपनी नीतियों में बदलाव कर दिया तथा मिदनापुर के अराबाड़ी वन क्षेत्र में एक योजना प्रारम्भ की। यहाँ वन विभाग के एक दूरदर्शी अधिकारी ए. के. बनर्जी ने ग्रामीणों को अपनी योजना में सम्मिलित करके उनके सहयोग से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त साल के वन की 1272 हेक्टेयर क्षेत्र का संरक्षण किया। इसके बदले में निवासियों को क्षेत्र की देखभाल की जिम्मेदारी के लिए रोज़गार मिला तथा उन्हें वहाँ के उपज की 25% के उपयोग का अधिकार भी मिला और बहुत कम मूल्य पर ईंधन के लिए लकड़ी तथा पशुओं को चराने की अनुमति भी दी गई। इससे सन् 1983 तक अराबाड़ी का साल वन समृद्ध हो गया जिसका मूल्य 12.5 करोड़ रूपए आँका गया। अतः बंगाल के अराबाड़ी वनों को संरक्षित वन का एक उत्तम उदाहरण माना जाता है।
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प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के संबंध में, कम उपयोग करना, पुनःचक्रण और पुनः उपयोग शब्दों की व्याख्या कीजिए। अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करने वाले पदार्थों में से प्रत्येक श्रेणी के दो-दो पदार्थों की पहचान कीजिए।
अपने दैनिक जीवन में किए जाने वाले उन पाँच क्रियाकलापों की सूची बनाइए जिनमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है अथवा ऊर्जा के उपयोग को कम किया जा सकता है।