चित्र में एक धातु की छड़ $PQ$ को दर्शाया गया है जो पटरियों $AB$ पर रखी है तथा एक स्थायी चुम्बक के धुवों के मध्य स्थित है। पटरियाँ, छड़ एवं चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर अभिलम्बवत् दिशाओं में हैं। एक गैल्वेनोमीटर $($धारामापी$) G$ को पटरियों से एक स्विच $K$ की सहायता से संयोजित किया गया है। छड़ की लम्बाई $= 15$ सेमी., $B = 0.50\ T$ तथा पटरियों, छड़ तथा धारामापी से बने बन्द लूप का प्रतिरोध $= 9.0 m \Omega$ है। क्षेत्र को एक समान मान लें।
माना कुँजी $K$ खुली $($open$)$ है तथा छड़ $12$ सेमी.से$^{-1}$ की चाल से दर्शायी गई दिशा में गतिमान है। प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान एवं धुवणता $($polarity$)$ बताइए।
क्या कुँजी $K$ खुली होने पर छड़ के सिरों पर आवेश का आधिक्य हो जायेगा$?$ क्या होगा यदि कुँजी $K$ बन्द $($close$)$ कर दी जाए$?$
जब कुँजी $K$ खुली हो तथा छड़ एक समान वेग से गति में हो तब भी इलेक्ट्रॉनों पर कोई परिणामी बल कार्य नहीं करता यद्यपि उन पर छड़ की गति के कारण चुम्बकीय बल कार्य करता है। कारण स्पष्ट कीजिए।
कुँजी बन्द होने की स्थिति में छड़ पर लगने वाले अवमंदन बल का मान क्या होगा $?$
कुँजी बन्द होने की स्थिति में छड़ को उसी चाल $(= 12$ सेमी से.$^{-1})$ से चलाने हेतु कितनी शक्ति $($बाह्य कारक के लिए$)$ की आवश्यकता होगी$?$
बन्द परिपथ में कितनी शक्ति का ऊष्मा के रूप में क्षय होगा$?$ इस शक्ति का र्रोत क्या है$?$
गतिमान छड़ में उत्पन्न विद्युत वाहक बल का मान क्या होगा यदि चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा पटरियों के लम्बवत् होने की बजाय उनके समान्तर हो$?$
Exercise - 6.14
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एक आयताकार लूप जिसकी भुजाएँ $8$ सेमी.एवं $2$ सेमी. हैं, एक स्थान पर थोड़ा कटा हुआ है। यह लूप अपने तल के अभिलम्बवत् $0.3\ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र से बाहर की ओर निकल रहा है। यदि लूप के बाहर निकलने का वेग $1$ सेमी. से$^{-1}$ है तो कटे भाग के सिरों पर उत्पन्न विद्युत वाहक बल कितना होगा, जब लूप की गति अभिलम्बवत् हो
लूप की लम्बी भुजा के
लूप की छोटी भुजा के। प्रत्येक स्थिति में उत्पन्न प्रेरित वोल्टता कितने समय तक टिकेगी$?$
पास-पास रखे कुण्डलियों के एक युग्म का अन्योन्य प्रेरकत्व 1.5 H है। यदि एक कुण्डली में 0.5 s में धारा 0 से 20 A परिवर्तित हो, तो दूसरी कुण्डली की फ्लक्स बंधता में कितना परिवर्तन होगा?
मान लीजिए कि उल्लिखित लूप स्थिर है किन्तु चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले विद्युत चुम्बक में धारा का मान कम किया जाता है जिससे चुम्बकीय क्षेत्र का मान अपने प्रारम्भिक मान $0.3\ T$ से $ 0.02\ Ts^{-1}$ की दर से घटता है। अब यदि लूप का कटा भाग जोड़ दें जिससे प्राप्त बन्द लूप का प्रतिरोध $1.6 \Omega $ हो तो इस लूप में ऊष्मन के रूप में शक्ति ह्रास क्या है$?$ इस शक्ति का स्रोत क्या है$?$
एक लम्बी परिनालिका के इकाई सेंटीमीटर लम्बाई में $15$ फेरे हैं। उसके अन्दर $2.0$ सेमी.$^2$ का एक छोटा$-$सा लूप परिनालिका की अक्ष के लम्बवत् रखा गया है। यदि परिनालिका में बहने वाली धारा का मान $2.0\ A$ में $4.0\ A$ से $0.1\ s$ कर दिया जाए तो धारा परिवर्तन के समय प्रेरित विद्युत वाहक बल कितना होगा$?$
एक वृत्ताकार कुण्डली जिसकी त्रिज्या $8.0$ सेमी. तथा फेरों की संख्या $20$ है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित: $50\ rad$ से$^{-1}$ की कोणीय आवृत्ति से $3.0 \times 10^{-2}\ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में घूम रही है। कुण्डली में उत्पत्र अधिकतम तथा औसत प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान ज्ञात कीजिए। यदि कुण्डली $10 \Omega$ प्रतिरोध का एक बन्द लूप बनाए तो कुण्डली में धारा के अधिकत्म मान की गणना कीजिए। जूल ऊष्मन के कारण क्षयित औसत शक्ति की गणना कीजिए। यह शक्ति कहाँ से प्राप्त होती है$?$
वायु के क्रोड वाली एक परिनालिका में, जिसकी लम्बाई $30$ सेमी तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $25 $सेमी$^2$ तथा कुल फेरे $500$ हैं, $2.5\ A$ धारा प्रवाहित हो रही है। धारा को $10^{-3}$ से. के अल्पकाल में अचानक बन्द कर दिया जाता है। परिपथ में स्विच के खुले सिरों के बीच उत्पन्न औसत विद्युत वाहक बल का मान क्या होगा$?$ परिनालिका के सिरों पर चुम्बकीय क्षेत्र के परिवर्तन की उपेक्षा कर सकते हैं।
पूर्व से पश्चिम दिशा में विस्तृत एक $10$ मी. लम्बा क्षैतिज सीधा तार $0.30 \times 10^{-4}\ Wb$ मी.$^{-2 }$ तीव्रता वाले पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक से लम्बवत् $5.0$ मी. से.$^{-1}$ की चाल से गिर रहा है।
तार में प्रेरित विद्युत वाहक बल का तात्क्षणिक मान क्या होगा $?$