चुम्बकीय याम्योत्तर में स्थिति किसी कम्पन चुम्बकत्वमापी पर एक छोटा चुम्बक रखा है। यह चुम्बक पृथ्वी के क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में जिसका मान $24$ माइक्रोटेस्ला है, $2$ सेकण्ड के आवृति काल से दोलन करता है। जब एक विद्युत वाहित तार रखकर पृथ्वी के क्षेत्र की विपरीत दिशा में, $18$ माईक्रोटेस्ला का एक क्षैतिज उत्पन्न किया जाता है, तो चुम्बक का नया आर्वतकाल होगा
[2010]
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दोलन मैग्नेटोमीटर का आवर्तकाल
$ T \propto \frac{1}{\sqrt{B}}$
$\Rightarrow \frac{T_1}{T_2}=\sqrt{\frac{B_2}{B_1}}$
$\Rightarrow T_2=T_1 \sqrt{\frac{B_1}{B_2}}$
$=2 \sqrt{\frac{24 \times 10^{-6}}{6 \times 10^{-6}}}=4 s $
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दो चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $M$ तथा $2 M$ है, एक वाईब्रेशन मैग्नेटोमीटर में रखी है। यदि दोनों के सम ध्रुव साथ हो तो आवर्तकाल $T_1$ तथा विषम ध्रुव साथ हो तो आर्वत काल $T_2$ है। तो$-$
एक छड़ (दंड) चुम्बक की लम्बाई ' 1 ' है और इसका चुम्बकीय द्विध्रुव बल-आघूर्ण ' $M$ ' है। यदि इसे आरेख (चित्र) में दिये गये अनुसार एक चाप के आकार में मोड़ दिया जाय तो, इसका नया चुम्बकीय द्विध्रुव बलआघूर्ण होगा:
चुम्बकीय आघूर्ण $0.4 J T ^{-1}$ के एक छोटे (दंड) चुम्बक को किसी ऐसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है जिसकी तीव्रता $0.16 T$ है। यह चुम्बक स्थिर संतुलन में होगा। यदि इसकी स्थितिज ऊर्जा हो: