दो समकेन्द्रिक वृत्ताकार कुंडलियाँ X और Y जिनकी त्रिज्याएँ क्रमश : 16 सेमी. एवं 10 सेमी. हैं, उत्तर-दक्षिण दिशा में समान ऊर्ध्वाधर तल में अवस्थित हैं। कुंडली X में 20 फेरे हैं और इसमें 16 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, कुंडली Y में 25 फेरे हैं और इसमें 18 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। पश्चिम की ओर मुख करके खड़ा एक प्रेक्षक देखता है कि X में धारा प्रवाह वामावर्त है जबकि Y में दक्षिणावर्त है। कुंडलियों के केन्द्र पर, उनमें प्रवाहित विद्युत धाराओं के कारण उत्पन्न कुल चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा ज्ञात कीजिए।
Exercise - 4.14
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Similar Questions

  • 1
    एक सीधी, क्षैतिज चालक छड़ जिसकी लम्बाई 0.45 मी. एवं द्रव्यमान 60 g है इसके सिरों पर जुड़े दो ऊर्ध्वाधर तारों पर लटकी हुई है। तारों से होकर छड़ में 5.0 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।
    1. चालक के लम्बवत कितना चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाए कि तारों में तनाव शून्य हो जाए।
    2. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा यथावत रखते हुए यदि विद्युत धारा की दिशा उत्क्रमित कर दी जाए तो तारों में कुल तनाव कितना होगा ? (तारों के द्रव्यमान की उपेक्षा कीजिए)$g=9.8 \mathrm{~ms}^{-2}$l
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  • 2
    एक प्रकोप्ठ में $6.5\ G(1G = 10^{−4} T)$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र बनाए रखा गया है। इस चंबकीय क्षेत्र में एक छलेक्ट्रॉन $4.8 \times 10^{6} \mathrm{~m} \mathrm{~s}^{-1}$ के वेग से क्षेत्र के लंबवत भेजा गया है। न्यास्या कीजिए कि इस इलेक्ट्रॉन का पथ वृत्ताकार क्यों होगा$?$ वृत्ताकार कक्षा की किज्या ज्ञात कीजिए। $(e=1.6 \times 10^{-19} \mathrm{C}, m_{\mu}=9.1 \times 10^{-11} \mathrm{~kg})$
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  • 3
    $10$ सेमी लम्बाई और $10^{-3}$ मी$^{2}$ अनुप्रस्थ काट के एक क्षेत्र में $100\ G(1\ G = 10^{-4}\ T)$ का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र चाहिए। जिस तार से परिनालिंका का निर्माण करना है उसमें अधिकतम $15\ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है और क्रोड पर अधिकतम $1000$ फेरे प्रति मीटर लपेटे जा सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए परिनालिका के निर्माण का विवरण सुझाइए। यह मान लीजिए कि क्रोड लोह$-$चुम्बकीय नहीं है।
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  • 4View Solution
  • 5
    एक प्रकोष्ठ में $6.5 G \ (1 G = 10^{-4}T)$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र बनाए रखा गया है। इस चुंबकीय क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉन $4.8 \times 10^6 ms^{-1}$ के वेग से क्षेत्र के लंबवत भेजा गया है। वृत्ताकार कक्षा में इलेक्ट्रॉन की परिक्रमण आवृत्ति प्राप्त कीजिए। क्या यह उत्तर इलेक्ट्रॉन के वेग पर निर्भर करता है? व्याख्या कीजिए।
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  • 6
    किसी प्रकोष्ठ में एक ऐसा चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित किया गया है जिसका परिमाण तो एक बिन्दु पर बदलता है, पर दिशा निश्चित है (पूर्व से पश्चिम)। इस प्रकोष्ठ में एक आवेशित कण प्रवेश करता है और अविचलित एक सरल रेखा में अचर वेग से चलता रहता है। आप कण के प्रारम्भिक वेग के बराबर में क्या कह सकते हैं।
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  • 7
    एक आवेशित कण, एक ऐसे शक्तिशाली असमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है जिसका परिमाण एवं दिशा दोनों एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु पर बदलते जाते हैं, एक जटिल पथ पर चलते हुए इसके बाहर आ जाता है। यदि यह मान लें कि चुम्बकीय क्षेत्र में इसका किसी भी दूसरे कण से कोई संघट्ट नहीं होता तो क्या इसकी अंतिम चाल, प्रारंभिक चाल के बराबर होगी?
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  • 8
    किसी गैल्वोनोमीटर की कुंडली का प्रतिरोध 12 $\Omega$ है। 4 mA की विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह पूर्णस्केल विक्षेप दर्शाता है। आप इंस गैल्वेनोमीटर को 0 से 18 V परास वाले वोल्टमीटर में कैसे रूपातंरित करेंगे?
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  • 9
    तार की एक वृत्ताकार कुण्डली में 100 फेरे हैं, प्रत्येक की त्रिज्या 8.0 सेमी. है और इनमें 0.40 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है?
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  • 10
    $10 \ cm$ त्रिज्या की किसी कुंडली जिसमें पास$-$पास सटे $100$ फेरे हैं, में $3.2\ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।
    1. कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र कितना है?
    2. इस कुंडली का चुंबकीय आघूर्ण क्या है?
      यह कुंडली ऊर्ध्वाधर तल में रखी है तथा किसी क्षैतिज अक्ष जो उसके व्यास से संरेखित है, के परित: घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। एक $2T$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र क्षैतिज दिशा में है जो इस प्रकार है कि आरंभ में कुंडली का अक्ष चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में है। चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में कुंडली $90^\circ$ के कोण पर घूर्णन कर जाती है।
    3. आरंभिक तथा अंतिम स्थिति में कुंडली पर बल आघूर्ण के परिमाण क्या हैं?
    4. $90^\circ$ पर घूर्णन करने के पश्चात कुंडली द्वारा अर्जित कोणीय चाल कितनी है? कुंठली का जड़त्व आघूर्ण $ 0.1 \ kg\  m^2$ है।
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