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अब ऐसा विश्वास किया जाता है, कि स्वयं प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन (जो सामान्य द्रव्य के नाभिकों का निर्माण करते हैं) और अधिक भूल इकाइयों जिन्हें क्वार्क कहते हैं के बने हैं। प्रत्येक प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन तीन क्वार्कों से मिलकर बनता है। दो प्रकार के क्वार्क होते हैं। अप क्वार्क (u) जिन पर $+\frac{2}{3} e$ आवेश तथा एक डाउन क्वार्क (d) जिस पर $-\frac{1}{3} e$ आवेश होता है। इलेक्ट्रॉन से मिलकर सामान्य द्रव्य बनाते हैं। (कुछ अन्य प्रकार के भी क्वार्क पाये जाते हैं। जो भिन्न असामान्य प्रकार के द्रव्य बनाते हैं) प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के सम्भावित क्वार्क संघटन समझाइये।
जाँच द्वारा सुनिश्चित कीजिए कि $\frac{k e^{2}}{G m_{e} m_{p}}$ विमाहीन है। भौतिक नियतांकों की सारणी देखकर इस अनुपात का मान ज्ञात कीजिए। यह अनुपात क्या बताता है?
किसी यादृच्छिक स्थिर वैद्युत क्षेत्र विन्यास पर विचार कीजिए। इस विन्यास की किसी शून्य विक्षेप स्तिथि (E = 0) पर कोई छोटा परीक्षण आवेश रखा गया है। यह दर्शाइये कि परीक्षण आवेश का सन्तुलन आवश्यक रूप से अस्थायी है।
इस परिणाम का समान परिमाण तथा चिह्नों के दो आवेशों (जो एकदूसरे से किसी दूरी पर रखे हैं) के सरल विन्यास के लिए सत्यापन कीजिए।
प्रारम्भ में $x-$अक्ष के अनुदिश $v_x$ चाल से गति करती हुई दो आवेशित प्लेटों के मध्य क्षेत्र में $m$ द्रव्यमान तथा $-q$ आवेश का एक कण प्रवेश करता है। प्लेटों की लम्बाई $L$ है। इन दोनों प्लेटों के बीच एकसमान वैद्युत क्षेत्र $E$ बनाये रखा है। दर्शाइये कि प्लेट के अन्तिम किनारे पर व्यय का ऊधर्वाधर विक्षेप $\left(\frac{q E L^{2}}{2 m v_{x}^{2}}\right)$ हैं।
किसी खोखले आवेशित चालक में उसके पृष्ठ पर कोई छिद्र बनाया गया है। यह दर्शाइये कि छिद्र में वैद्युत क्षेत्र $\left(\frac{\sigma}{2 \varepsilon_{0}}\right) \hat{n}$ है, जहाँ $\hat{n}$ अभिलम्बवत् दिशा में बहिर्मुखी एकांक सदिश है तथा $\sigma$ छिद्र के निकट पृष्ठीय आवेश घनत्व है।
कोई विद्युत क्षेत्र धनात्मक x के लिए, धनात्मक x दिशा में एकसमान है तथा उसी परिमाण के साथ परंतु ऋणात्मक x के लिए, ऋणात्मक x दिशा में एकसमान है। यह दिया गया है कि $\mathbf{E}=200 \hat{\mathbf{i}} \mathrm{N} / \mathrm{C}$ जबकि x > 0 तथा $ \mathbf{E}=-200 \overline{\mathbf{i}} \mathrm{N} / \mathrm{C}$ जबकि x < 0 है। $ 20 \mathrm{~cm}$ लंबे $ 5 \mathrm{~cm}$ त्रिज्या के किसी लंबवृत्तीय सिलिंडर का केंद्र मूल बिंदु पर तथा इस अक्ष x के इस प्रकार अनुदिश है कि इसका एक फलक चित्र 1.28 में दर्शाए अनुसार $x=+10 \mathrm{~cm}$तथा दूसरा फलक x = -10 cm पर है।
प्रत्येक चपटे फलक से गुजरने वाला नेट बहिर्मुखी फ्लक्स कितना है?
सिलिंडर के पाश्र्व से गुजरने वाला फ्लक्स कितना है?
सिलिंडर से गुजरने वाला नेट बहिर्मुखी फ्लक्स कितना है?
दो बिंदु आवेश $q_{1}$ तथा $q_2$ जिनके परिमाण क्रमश: $ +10^{-8} \mathrm{C}$ तथा $-10^{-8}C$ हैं एक दूसरे से $0.1\ m$ दूरी पर रखे हैं। चित्र में दर्शाए बिंदुओं $A, B$ तथा $C$ पर विद्युत क्षेत्र परिकलित कीजिए।