एक 100 W सोडियम बल्ब (लैंप) सभी दिशाओं में एकसमान ऊर्जा विकिरित करता है। लैंप को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया हैं। जो इस पर आपतित सोडियम के सम्पूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है। सोडियम प्रकाश का तरंगदेर्घ्य 589 nm है।
सोडियम प्रकाश से जुड़े प्रति फोटॉन की ऊर्जा कितनी है?
गोले को किस दर से फोटॉन प्रदान किए जा रहे हैं?
Exercise - 11.7
Download our app for free and get started
SELF STUDY
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
प्रकाश-विद्युत् प्रभाव के एक प्रयोग में प्रकाश आवृत्ति के विरुद्ध अंतक वोल्टता की ढलान 4.12$ \times 10^{-15} \mathrm{Vs}$ प्राप्त होती है। प्लांक स्थिरांक का मान परिकलित कीजिए।
एक निर्वात नली के तापित केंथाड से उत्साजत इलक्ट्रानी का उस चाल का आकलन कीजिए जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में 500 V के विभवांतर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारंभिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश अर्थात् $e / m 1.76 \times 10^{11} \mathrm{C} \mathrm{kg}^{-1}$ है।
संग्राहक विभव 10 MV के लिए इलेक्ट्रॉन की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें, जो (i) में काम में लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते हैं? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
न्यूट्रॉन की किस गतिज ऊर्जा के लिए डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य 1.40 $\times10^{-10} \mathrm{~m}$ होगा ?
एक न्यूट्रॉन, जो पदार्थ के साथ तापीय साम्य में है और जिसकी 300 K पर औसत गतिज ऊर्जा$ \frac{3}{2} k \mathrm{~T}$ है, का भी डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए।
आगे आने वाली दो संख्याओं का आकलन रोचक हो सकता है। पहली संख्या यह बताएगी कि रेडियो अभियांत्रिक फोटॉन की अधिक चिंता क्यों नहीं करते। दूसरी संख्या आपको यह बताएगी कि हमारे नेत्र 'फोटॉनों की गिनती' क्यों नहीं कर सकते, भले ही प्रकाश साफ-साफ संसूचन योग्य हो।
एक मध्य तरंग $($medium wave$)10\ kW$ सामर्थ्य के प्रेषी, जो $500\ m$ तरंगदैर्घ्य की रेडियो तरंग उत्सर्जित करता है, के द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या।
निम्नतम तीव्रता का श्वेत प्रकाश जिसे हम देख सकते हैं $\left(\sim 10^{-10} \mathrm{~W}\right.\mathrm{m}^{-2})$ के संगत फोटॉनों की संख्या जो प्रति सेकंड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है। पुतली का क्षेत्रफल लगभग $0.4$ सेमी.$^2$और श्वेत प्रकाश की औसत आवृत्ति को लगभग $6 \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ मानिए।
प्रत्येक धातु का एक निश्चित कार्य-फलन होता है। यदि आपतित विकिरण एकवर्णी हो तो सभी प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन समान ऊर्जा के साथ बाहर क्यों नहीं आते हैं? प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का एक ऊर्जा वितरण क्यों होता है?
दृश्य क्षेत्र में बैंगनी रंग, पीले-हरे रंग तथा लाल रंग के प्रकाश की तरंगदैर्घ्य क्रमशः लगभग 390 nm, लगभग 550 nm (औसत तरंगदैर्घ्य) तथा लगभग 760 nm है।
दृश्य क्षेत्र के निम्न प्रकाश के लिए फ़ोटॉन की ऊर्जा (eV) क्या होगी:
बैंगनी सिरा;
पीले-हरे रंग की औसत तरंगदैर्घ्य; तथा (iii) लाल सिरा $\left(h=6.63 \times 10^{-34} \mathrm{~J} \mathrm{~s}\right.$ तथा $1 \mathrm{eV}=1.6 \times 10^{-19} \mathrm{~J} )$
प्रकाश-संवेदी पदार्थों के लिए दिए गए कार्य-फलनों के मान तथा (I) प्रश्न के (i), (ii) तथा (iii) भागों के परिणामों को उपयोग में लाते हुए क्या आप दृश्य प्रकाश के साथ कार्य कर सकने वाली प्रकाश विद्युत युक्ति का सृजन कर सकते हैं?
X-किरणों के प्रयोग अथवा उपयुक्त वोल्टता से त्वरित इलेक्ट्रानों से क्रिस्टल-विवर्तन प्रयोग किए जा सकते हैं। कौन-सी जाँच अधिक ऊर्जा संबद्ध है? (परिमाणिक तुलना के लिए, जाँच के लिए तरंगदैर्घ्य को 1 $\overset oA$ लीजिए, जो कि जालक (लेटिस) में अंतर-परमाणु अंतरण की कोटि का है)