किसी धातु के लिए कार्य-फलन 4.2 eV है। क्या यह धातु 330 nm तरंगदैर्घ्य के आपतित विकिरण के लिए प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन देगा?
Exercise - 11.9
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Similar Questions

  • 1
    किसी धातु की देहली आवृत्ति 3.3$ \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ है। यदि 8.2$ \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ आवृत्ति का प्रकाश धातु पर आपतित हो, तो प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन के लिए अंतक वोल्टता ज्ञात कीजिए।
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  • 2
    आगे आने वाली दो संख्याओं का आकलन रोचक हो सकता है। पहली संख्या यह बताएगी कि रेडियो अभियांत्रिक फोटॉन की अधिक चिंता क्यों नहीं करते। दूसरी संख्या आपको यह बताएगी कि हमारे नेत्र 'फोटॉनों की गिनती' क्यों नहीं कर सकते, भले ही प्रकाश साफ-साफ संसूचन योग्य हो।
    1. एक मध्य तरंग $($medium wave$)10\  kW$ सामर्थ्य के प्रेषी, जो $500\ m$ तरंगदैर्घ्य की रेडियो तरंग उत्सर्जित करता है, के द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या।
    2. निम्नतम तीव्रता का श्वेत प्रकाश जिसे हम देख सकते हैं $\left(\sim 10^{-10} \mathrm{~W}\right.\mathrm{m}^{-2})$ के संगत फोटॉनों की संख्या जो प्रति सेकंड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है। पुतली का क्षेत्रफल लगभग $0.4$ सेमी.$^2$और श्वेत प्रकाश की औसत आवृत्ति को लगभग $6 \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ मानिए।
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  • 3
    488 nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है, जिसे प्रकाश-विद्युत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव 0.38 V है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।
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  • 4
    एक कण, इलेक्ट्रॉन की अपेक्षा तीन गुना अधिक चाल से गति कर रहा है। इस कण की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य का इलेक्ट्रॉन की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य से अनुपात $1.813 \times 10^{-4}$ है। कण के द्रव्यमान का परिकलन कीजिए तथा कण को पहचानिए।
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  • 5
    एक इलेक्ट्रॉन गन जिसका संग्राहक 100 V विभव पर है, एक कम दाब $\left(\sim 10^{-2} \mathrm{~mm} \mathrm{Hg}\right)$ पर हाइड्रोजन से भरे गोलाकार बल्ब में इलेक्ट्रॉन छोड़ती है। एक चुम्बकीय क्षेत्र जिसका मान 2.83$ \times 10^{-4} \mathrm{~T}$ है, इलेक्ट्रॉन के मार्ग को 12.0 सेमी. त्रिज्या के वृत्तीय कक्षा में वक्रित कर देता है। (इस मार्ग को देखा जा सकता है क्योंकि मार्ग में गैस आयतन किरण-पुंज को इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करके और इलेक्ट्रॉन प्रग्रहण के द्वारा प्रकाश उत्सर्जन करके फोकस करते हैं; इस विधि को 'परिष्कृत किरण-पुंज नली' विधि कहते हैं।) आँकड़ों से $\mathrm{e} / \mathrm{m}$ का मान निर्धारित कीजिए।
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  • 6
    एक इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में 50 kV वोल्टता के द्वारा त्वरित इलेक्ट्रॉनों का उपयोग किया जाता है। इन इलेक्ट्रॉनों से जुड़े डी ब्रॉग्ली तरंगदेर्घ्य ज्ञात कीजिए। यदि अन्य बातों (जैसे कि संख्यात्मक द्वारक, आदि) को लगभग समान लिया जाए, इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की विभेदन क्षमता की तुलना पीले प्रकाश का प्रयोग करने वाले प्रकाश सूक्ष्मदर्शी से किस प्रकार होती है?
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  • 7
    यह दर्शाइए कि वैद्युत चुंबकीय विकिरण का तरंगदैर्घ्य इसके क्वांटम (फोटॉन) के तरंगदेर्घ्य के बराबर है।
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  • 8
    एक इलेक्ट्रॉन और एक फोटॉन प्रत्येक का तरंगदैर्घ्य 1.00 nm है।
    1. इनका संवेग,
    2. फोटॉन की ऊर्जा, और
    3. इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
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  • 9
    एक 100 W पारद (Mercury) स्रोत से उत्पन्न 2271 $\overset oA$ तरंगदैर्घ्य का पराबैंगनी प्रकाश एक मालिब्डेनम धातु से निर्मित प्रकाश सेल को विकिरित करता है। यदि निरोधी विभव -1.3 V हो, तो धातु के कार्य-फलन का आकलन कीजिए। एक $\mathrm{He}-\mathrm{Ne}$ लेसर द्वारा उत्पन्न 6328$\overset oA$ के उच्च तीव्रता $\left(\sim 10^{5} \mathrm{~W} / \mathrm{m}^{-2}\right)$के लाल प्रकाश के साथ सेल किस प्रकार अनुक्रिया करेगा?
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  • 10
    प्रकाश-विद्युत् प्रभाव के एक प्रयोग में प्रकाश आवृत्ति के विरुद्ध अंतक वोल्टता की ढलान 4.12$ \times 10^{-15} \mathrm{Vs}$ प्राप्त होती है। प्लांक स्थिरांक का मान परिकलित कीजिए।
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