प्रकाश-विद्युत् प्रभाव के एक प्रयोग में प्रकाश आवृत्ति के विरुद्ध अंतक वोल्टता की ढलान 4.12$ \times 10^{-15} \mathrm{Vs}$ प्राप्त होती है। प्लांक स्थिरांक का मान परिकलित कीजिए।
Exercise - 11.6
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कमरे के ताप $(27^\circ C)$ और $1\ atm$ दाब पर $He$ परमाणु से जुड़े प्रारूपी डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए और इन परिस्थितियों में इसकी तुलना दो परमाणुओं के बीच औसत दूरी से कीजिए।
ऐसा विचार किया गया है कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के भीतर क्वार्क पर आंशिक आवेश होते हैं [(+2 / 3) e ;(-1 / 3) e] $\mid$ यह मिलिकन तेल-बूँद प्रयोग में क्यों नहीं प्रकट होते?
आगे आने वाली दो संख्याओं का आकलन रोचक हो सकता है। पहली संख्या यह बताएगी कि रेडियो अभियांत्रिक फोटॉन की अधिक चिंता क्यों नहीं करते। दूसरी संख्या आपको यह बताएगी कि हमारे नेत्र 'फोटॉनों की गिनती' क्यों नहीं कर सकते, भले ही प्रकाश साफ-साफ संसूचन योग्य हो।
एक मध्य तरंग $($medium wave$)10\ kW$ सामर्थ्य के प्रेषी, जो $500\ m$ तरंगदैर्घ्य की रेडियो तरंग उत्सर्जित करता है, के द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या।
निम्नतम तीव्रता का श्वेत प्रकाश जिसे हम देख सकते हैं $\left(\sim 10^{-10} \mathrm{~W}\right.\mathrm{m}^{-2})$ के संगत फोटॉनों की संख्या जो प्रति सेकंड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है। पुतली का क्षेत्रफल लगभग $0.4$ सेमी.$^2$और श्वेत प्रकाश की औसत आवृत्ति को लगभग $6 \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ मानिए।
एक पारद लैंप, प्रकाश$-$विद्युत उत्सर्जन की आवृत्ति निर्भरता के अध्ययन के लिए एक सुविधाजनक स्रोत है, क्योंकि यह दृश्य$-$स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी $(UV)$ से लाल छोर तक कई वर्ण$-$रेखाएँ उत्सर्जित करता है। रूबीडियम प्रकाश सेल के हमारे प्रयोग में, पारद $($Mercury$)$ स्रोत की निम्न वर्णरेखाओं का प्रयोग किया गया:
$\lambda_1 = 3650 \mathring A, \lambda_2 = 4047 \mathring A, \lambda_3 = 4358 \mathring A, \lambda_4 = 5461 \mathring A, \lambda_5 = 6907 \mathring A$,
निरोधी वोल्टताएँ, क्रमशः निम्न मापी गई :
$V_{01} = 1.28, V, V_{02} = 0.95\ V, V_{03} = 0.74\ V, V_{04} = 0.16\ V, V_{05} = 0 V$
प्लैंक स्थिरांक $h$ का मान ज्ञात कीजिए।
धातु के लिए देहली आवृत्ति तथा कार्य$-$फलन का आकलन कीजिए।
एक नियॉन लैंप से उत्पन्न 640.2 $\mathrm{~nm}$$\left(1 \mathrm{~nm}=10^{-9} \mathrm{~m}\right)$ तरंगदैर्घ्य का एकवर्णी विकिरण टंगस्टन पर सीजियम से निर्मित प्रकाश-संवेदी पदार्थ को विकरित करता है। निरोधी वोल्टता 0.54 V मापी जाती है। स्रोत को एक लौह-स्रोत से बदल दिया जाता है। इसकी 427.2 nm वर्ण-रेखा उसी प्रकाश सेल को विकिरित करती है। नयी विरोधी वोल्टता ज्ञात कीजिए।
एक कण, इलेक्ट्रॉन की अपेक्षा तीन गुना अधिक चाल से गति कर रहा है। इस कण की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य का इलेक्ट्रॉन की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य से अनुपात $1.813 \times 10^{-4}$ है। कण के द्रव्यमान का परिकलन कीजिए तथा कण को पहचानिए।
किसी जाँच की तरंगदैर्घ्य उसके द्वारा कुछ विस्तार से जाँच की जा सकने वाली संरचना के आकार की लगभग आमाप है। प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की क्वार्क $($quark$)$ संरचना $10^{-15}$ मीटर या इससे भी कम लम्बाई के लघु पैमाने की है। इस संरचना को सर्वप्रथम $1970$ दशक के प्रारंभ में, एक रेखीय त्वरित्र $($Linear accelerator$)$ से उत्पन्न उच्च ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों के किरण$-$पुंजों के उपयोग द्वारा, स्टैनफोर्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका में जाँचा गया था। इन इलेक्ट्रॉन किरण$-$पुंजों की ऊर्जा की कोटि का अनुमान लगाइए। $($इलेक्ट्रॉन की विराम द्रव्यमान ऊर्जा $0.511\ MeV$ है।$)$