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एक वृत्ताकार कुण्डली जिसकी त्रिज्या $8.0$ सेमी. तथा फेरों की संख्या $20$ है अपने ऊर्ध्वाधर व्यास के परित: $50\ rad$ से$^{-1}$ की कोणीय आवृत्ति से $3.0 \times 10^{-2}\ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में घूम रही है। कुण्डली में उत्पत्र अधिकतम तथा औसत प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान ज्ञात कीजिए। यदि कुण्डली $10 \Omega$ प्रतिरोध का एक बन्द लूप बनाए तो कुण्डली में धारा के अधिकत्म मान की गणना कीजिए। जूल ऊष्मन के कारण क्षयित औसत शक्ति की गणना कीजिए। यह शक्ति कहाँ से प्राप्त होती है$?$
एक लम्बी परिनालिका के इकाई सेंटीमीटर लम्बाई में $15$ फेरे हैं। उसके अन्दर $2.0$ सेमी.$^2$ का एक छोटा$-$सा लूप परिनालिका की अक्ष के लम्बवत् रखा गया है। यदि परिनालिका में बहने वाली धारा का मान $2.0\ A$ में $4.0\ A$ से $0.1\ s$ कर दिया जाए तो धारा परिवर्तन के समय प्रेरित विद्युत वाहक बल कितना होगा$?$
वायु के क्रोड वाली एक परिनालिका में, जिसकी लम्बाई $30$ सेमी तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $25 $सेमी$^2$ तथा कुल फेरे $500$ हैं, $2.5\ A$ धारा प्रवाहित हो रही है। धारा को $10^{-3}$ से. के अल्पकाल में अचानक बन्द कर दिया जाता है। परिपथ में स्विच के खुले सिरों के बीच उत्पन्न औसत विद्युत वाहक बल का मान क्या होगा$?$ परिनालिका के सिरों पर चुम्बकीय क्षेत्र के परिवर्तन की उपेक्षा कर सकते हैं।
एक आयताकार लूप जिसकी भुजाएँ $8$ सेमी.एवं $2$ सेमी. हैं, एक स्थान पर थोड़ा कटा हुआ है। यह लूप अपने तल के अभिलम्बवत् $0.3\ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र से बाहर की ओर निकल रहा है। यदि लूप के बाहर निकलने का वेग $1$ सेमी. से$^{-1}$ है तो कटे भाग के सिरों पर उत्पन्न विद्युत वाहक बल कितना होगा, जब लूप की गति अभिलम्बवत् हो
लूप की लम्बी भुजा के
लूप की छोटी भुजा के। प्रत्येक स्थिति में उत्पन्न प्रेरित वोल्टता कितने समय तक टिकेगी$?$
मान लीजिए कि उल्लिखित लूप स्थिर है किन्तु चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाले विद्युत चुम्बक में धारा का मान कम किया जाता है जिससे चुम्बकीय क्षेत्र का मान अपने प्रारम्भिक मान $0.3\ T$ से $ 0.02\ Ts^{-1}$ की दर से घटता है। अब यदि लूप का कटा भाग जोड़ दें जिससे प्राप्त बन्द लूप का प्रतिरोध $1.6 \Omega $ हो तो इस लूप में ऊष्मन के रूप में शक्ति ह्रास क्या है$?$ इस शक्ति का स्रोत क्या है$?$
$12$ सेमी भुजा वाला वर्गाकार लूप जिसकी भुजाएँ $X$ एवं $Y$ अक्षों के समान्तर हैं, $x-$दिशा में $8$ सेमी. से$^{-1}$ की गति से चलाया जा रहा है। लूप तथा उसकी गति का परिवेश धनात्मक $z-$दिशा के चुम्बकीय क्षेत्र का है। चुम्बकीय क्षेत्र न तो एकसमान है और न ही समय के साथ नियत है। इस क्षेत्र की ऋणात्मक दिशा में प्रवणता $10^{-3}\ T$ सेमी.$-1$ है $($अर्थात् ऋणात्मक $x-$अक्ष की दिशा में इकाई सेंटीमीटर दूरी पर क्षेत्र के मान में $10^{-3}\ T$ सेमी $^{.-1}$ की वृद्धि होती है$),$ तथा क्षेत्र के मान में $10^{-3}\ T$ से $^{-1}$ की दर से कमी भी हो रही है। यदि कुण्डली का प्रतिरोध $4.50\ m \Omega$ हो तो प्रेरित धारा का परिमाण एवं दिशा ज्ञात कीजिए।