एक दूरदर्शी यंत्र का आवर्धन क्षमता $9$ है। जब इसे समान्तर किरणों के लिए समायोजित किया जाता है तब इसके अभिदृश्यक तथा नेत्रिका के बीच की दूरी $20 \ cm$ होती है। इन लेंसों की फोकस दूरियाँ क्रमश होगी:
[2012]
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$ \text { M.P. }=9=\frac{f_0}{f_e}$
$\Rightarrow f_0=9 f_e$
$f_0+f_e=20 $
हल करने पर
$f_0=18 cm =$ वस्तु लेंस की फोक्स दूरी
$f_e=2 cm =$ नेत्रिका की फोक्स दूरी
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एक सूक्ष्मदर्शी को कागज पर बने एक निशान पर फोकस करने के उपरान्त इस निशान पर $1.5$ अपवर्तनांक के काँच के 3 सेमी मोटे स्लैब को रखा गया है। अब सूक्ष्मदर्शी में क्या स्थानान्तरण किया जाए कि निशान फिर से फोकस में आ जाए ?
एक प्रिज्म जिसका कोण $A$ है, के एक समतल पर एक किरण आपतन कोण बनाते हुए आती है तथा वह दूसरे समतल के लम्बवत बाहर निकलती है। यदि प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक $\mu$ हो तो आपतन कोण $i$ का मान लगभग होगा:
एक लेंस, प्रकाश स्रोत्र तथा दीवार के बीच रखा है। यह लेंस के दो भिन्न स्थितियों दीवार पर $A _1$ तथा $A _2$ क्षेत्रफल के दो प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रकाश स्रोत्र का क्षेत्रफल होगा
हरें रंग का प्रकाश $(\lambda=5460 A)$ का हवा-कांच के समतल पर पड़ता है। कांच का अपवर्तनांक $1.5$ है प्रकाश की कांच में तरंग दैर्ध्य होगी ( $c=3 \times 10^8$ मी/सेकंड)
प्रकाश की एक किरण, किसी प्रिज्म जिसका कोण $A$ है के एक फलक पर $i$ कोण पर आपत्तित होती है तथा उसके विपरीत फलक से उसके लम्बवत् निर्गत होती है। यदि प्रिज्म का अपवर्तनांक $\mu$ है तो, आपतन कोण $i$ का मान लगभग बराबर है :
$10 cm$ लम्बी एक छड़ को, $10 cm$ फोकस दूरी के एक अवतल लेंस की मुख्य अक्ष के अनुदिश इस प्रकार रखा गया है कि छड़ का दर्पण के ध्रुव के पास वाला सिरा, दर्पण से $20 cm$ दूर है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई होगी :
किसी द्रव से भरे एक बीकर के तल पर एक लघु सिक्का रखा गया है। चित्र के अनुसार एक प्रकाश किरण सिक्के से आरम्भ होकर द्रव के ऊपरी तल तक पहुँच कर तल के समांतर चलती है।
इस द्रव में प्रकाश चलन का वेग कितना होगा?